मुंबई. विधान मंडल के बजट सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी द्वारा विधान भवन परिसर सोमवार बांचे गए औरंगजेब नामा का जवाब सत्तारूढ़ बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट ने मंगलवार को जय भवानी जय शिवाजी के जोरदार नारों से दिया. बीजेपी और शिवसेना के विधायकों ने विधायक अबू आजमी की देश द्रोही करार देते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा सदन से निलंबन की मांग की.
आज़मी के खिलाफ दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दलों के विधायकों मंत्रियों द्वारा किए गए जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की वजह से मंगलवार को दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका. तीन बार हंगामे के बाद सदन पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया और औरंगजेब बनाम छत्रपति शिवाजी महाराज की लड़ाई सत्र के तीसरे दिन भी विधान मंडल में देखने को मिल सकती है.
डीसीएम शिंदे ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी जैसे लोग भले ही भौतिक रूप से भारत में रहते हैं, किन्तु अपने मन से अभी भी मुगल भारत में रह रहे हैं. उनका देश के इतिहास या संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है. शिंदे ने आगे कहा कि दुनिया जानती है कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था. इसलिए इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से चर्चा करके हम अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के संबंध में निर्णय लेंगे.
नरम पड़े आज़मी के तेवर
सदन में हंगामे और विधायकों के विरोध को देखते हुए अबू आजमी ने अपना बयान भी वापस ले लिया है. उन्होंने ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो जारी करके कहा है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. मैंने औरंगजेब (अल्लाह उस पर रहम करे) के बारे में वही बयान दिया जो इतिहासकारों और लेखकों ने हमारे सामने पेश किया है.। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज या किसी अन्य महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक बयान नहीं दिया है. फिर भी मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द और पूरा बयान वापस लेता हूं.
शिवसेना सांसद ने दर्ज कराया मामला
शिवसेना (एकनाथ शिंदे) सांसद नरेश म्हस्के ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के खिलाफ वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में बीएनएस धारा 299, 302, 356 (1) और 356 (2) के तहत मामला दर्ज कराया है. नरेश म्हस्के ने आरोप लगाया कि अबू आज़मी के औरंगजेब की प्रशंसा वाले बयान से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.