मुंबई . नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चार्जशीट दायर करने पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है. इसे सियासी षड्यंत्र बताते हुए बुधवार को मुंबई में कांग्रेस की ओर से ईडी कार्यालय पर मोर्चा निकाला गया. इस मोर्चे को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. इस दौरान हुई धक्का मुक्की में कांग्रेस की मुंबई प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड़ को हल्की चोट लग गई.
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि मुंबई भाजपा के तानाशाही शासन के खिलाफ कांग्रेस की ओर से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. ‘ईडी’ कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान फडणवीस सरकार ने पुलिस का इस्तेमाल करके विरोधियों का दमन करने का प्रयास किया है. मोदी की तानाशाही के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष जारी रखने का प्रण दोहराते हुए वर्षा ने कहा कि मुझे और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अमानवीय तरीके से पीटा गया और हिरासत में लिया गया. मुंबई पुलिस की कार्रवाई को दमनकारी करार देते हुए सांसद वर्षा ने राज्य सरकार की कड़ी निंदा की.
फडणवीस मांगे माफी
सांसद वर्षा ने कहा कि कांग्रेस अत्याचारी अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी, तो वह मोदी-शाह की नई ईस्ट इंडिया कंपनी के सामने कैसे झुकेगी? हम भाजपा के उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे. कांग्रेस के मोर्चे पर पुलिस की कार्रवाई के लिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से माफी मांगने तथा संबंधित पुलिसकर्मियों, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
ये नेता रहे मौजूद
कांग्रेस के आंदोलन में प्रणील नायर, डॉ. अजंता यादव, संदीप शुक्ला, सुरेश चंद्र राजहंस, महेंद्र मुंगेकर, कचरू यादव, निजामुद्दीन राइन, ताज मोहम्मद, रमेश कांबले, अवनीश सिंह, उमर लकड़ावाला, हुकुम राज मेहता, रविकांत बावकर, क्लाइव डायस आदि नेताओं सहित बड़ी संख्या में अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे.
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के खिलाफ की गई दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का विरोध करने के लिए मुंबई कांग्रेस की ओर से ईडी कार्यालय तक निकाले गए मार्च को फडणवीस सरकार की पुलिस ने न सिर्फ रोका बल्कि उन्होंने मोर्चे का नेतृत्व कर रही सांसद वर्षा गायकवाड़ एवं अन्य कार्यकर्ताओं की पिटाई भी की. इससे वर्षा घायल हो गईं. महायुति सरकार पुलिस बल का प्रयोग करके विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. लेकिन कांग्रेस ऐसी कार्रवाइयों से न डरेगी और न ही रुकेगी. राज्य के गृह मंत्री और मुंबई पुलिस कमिश्नर को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए और सरकार को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
- सुरेशचंद्र राजहंस, कांग्रेस प्रवक्ता एवं मीडिया समन्वयक
कांग्रेस को संपत्ति लूटने का कोई अधिकार नहीं है
भाजपा नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जा करने के कांग्रेस के कदम का कड़ा विरोध करती है. कांग्रेस का आंदोलन सीनाजोरी है. कांग्रेस को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन किसी की जमीन और धन को लूटने का नहीं. 1937 में 5,000 स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा नेक इरादों के साथ शुरू किया गया, समाचार पत्र और इससे जुड़ी कंपनी कभी भी नेहरू-गांधी परिवार की संपत्ति नहीं थी. गांधी परिवार के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र या उसकी संपत्ति का कोई मालिकाना हक नहीं है. उनके पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है. कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की विशाल संपत्ति को निगलने की साजिश रची और ‘यंग इंडिया’ नामक एक कंपनी बनाई और संपत्ति का दुरुपयोग किया गया. अंततः वित्तीय कठिनाइयों के कारण 2008 में अखबार का प्रकाशन बंद हो गया. उस समय कांग्रेस पार्टी ने ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ कंपनी को 90 करोड़ रुपए दिए थे. दरअसल, किसी पार्टी के लिए किसी भी निजी संगठन को धन देना अवैध है, यह जानते हुए भी कांग्रेस ने धन दिया. भाजपाई नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में कांग्रेस नेताओं पर “वित्तीय धोखाधड़ी” का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी. उस याचिका में, यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1 करोड़ रुपए की वसूली कांवड़ियों के मोल में उक्त जमीन को हासिल करने का प्रयास किया था. अब, अदालत के आदेश के अनुसार सरकारी एजेंसी द्वारा मामले की जांच की गई है और आगे की कार्रवाई चल रही है.
- राव साहेब पाटिल दानवे, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपाई नेता