मुंबई. आगामी निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में सीटों के बंटवारे को लेकर महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां अजीत पवार के बीच पहले ही प्रेशर गेम खेला जा रहा है. इस प्रशेर गेम में अब केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) भी शामिल हो गई है. बीते लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में आठवले की आरपीआई को महायुति में एक भी सीट नहीं मिली थी. तब आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री ने सिर्फ अपना विरोध दर्ज कराया था लेकिन आगामी निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने खुल कर बगावत के संकेत दे दिए हैं.
सोलापुर जिले के माढा तालुका अंतर्गत कुर्डु वाड़ी में आयोजित अपनी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंत्री आठवले ने आगामी निकाय चुनावों को लेकर अहम निर्देश दिए हैं. अपने खास अंदाज में शेरों शायरी के साथ अपने भाषण की शुरुवात करने के बाद उन्होंने जिले में अपनी पार्टी की ताकत का बखान करते हुए कार्यकर्ताओं से स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि यदि बीजेपी स्थानीय निकाय चुनावों में हमें सम्मानजनक सीटें नहीं देती है तो आप अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए आजाद हैं. उनके बयान से महायुति में दरार पड़ने का खतरा निर्माण हो गया है. आठवले ने कहा कि हमें भाजपा से केवल बौद्धों के वोटों पर नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को साथ लेकर स्थानीय निकाय चुनावों में अधिक से अधिक सीटें जीतने की दिशा में काम करना चाहिए.

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