मुंबई : डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देने और सभी के लिए सुरक्षित साइबर लेनदेन बनाने के लिए भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में गुरुवार को आयोजित ‘रिंग द बेल फॉर सिक्योरिटी’ अभियान का उद्घाटन सांस्कृतिक कार्य और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशीष शेलार ने किया. इस मौके पर मंत्री एड. आशीष शेलार ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल लेन-देन महाराष्ट्र को दुनिया में डिजिटल रूप से प्रगतिशील राष्ट्र के लिए एक आदर्श बना रहे हैं. साइबर सुरक्षा नियंत्रण प्रणाली के मामले में महाराष्ट्र ने सराहनीय पहल की है.
मंत्री एड शेलार ने कहा कि 2016 में शुरू किए गए महाराष्ट्र साइबर विभाग के प्रयासों के साथ राज्य ने ‘गोल्डन डेटा प्रोजेक्ट’ शुरू किया है. परियोजना के तहत 12 करोड़ प्रमाणित नागरिकों की जानकारी दर्ज की है और नागरिकों को प्रत्येक लेनदेन के लिए अलग-अलग पासवर्ड या साख की आवश्यकता नहीं होगी यह परियोजना साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ी ताकत बनने जा रही है.
शहरी क्षेत्र तक सीमित नहीं
मंत्री शेलार ने कहा कि साइबर सुरक्षा केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों के नागरिकों को भी इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है. औद्योगिक क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार को मिलकर उपाय करने की आवश्यकता है. इसलिए यह एक डिजिटल लचीलापन प्रणाली स्थापित करने का सही समय है. शेलार ने कहा कि उद्योग को निवेश करने की आवश्यकता है. शैक्षणिक संस्थानों को पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है और सरकारों को सक्षम प्रणाली बनाने की आवश्यकता है. जबकि नागरिकों को स्वयं जागरूक होने की आवश्यकता है.
सीमा सुरक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा
मंत्री शेलार ने कहा कि डिजिटल लेन-देन, ई-गवर्नेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आज के युग में साइबर सुरक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी सीमा सुरक्षा. भारत में 70 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता और 12 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है कि पिछले पांच वर्षों में साइबर अपराध में 400% की वृद्धि हुई है. हमारे देश में हर मिनट औसतन 702 साइबर खतरों की सूचना के साथ, हर सेकंड 12 नए साइबर हमले सामने आते हैं. इसलिए, नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत और टिकाऊ साइबर सुरक्षा प्रणाली का निर्माण करना समय की आवश्यकता है.
साइबर कोविड से बचाव के लिए साइबर स्वच्छता की आवश्यकता
सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय के प्रधान सचिव और महानिदेशक ब्रिजेश सिंह ने कहा कि साइबर सुरक्षा प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है, न कि केवल संगठनों की. उन्होंने प्रत्येक नागरिक से साइबर कोविड से बचाव के लिए साइबर स्वच्छता अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि एआई के युग में डेटा सबसे मूल्यवान होता जा रहा है. इसलिए अपने डेटा की सुरक्षा करना सभी के लिए जरूरी हो गया है. प्रधान सचिव और महानिदेशक बृजेश सिंह ने कहा कि अति-साझाकरण से बचना, सोशल मीडिया पर बहुत अधिक जानकारी न डालना और ‘जियोस्पाई’ जैसे एल्गोरिदम से सावधान रहना महत्वपूर्ण है. इस कार्यक्रम में सेबी के कार्यकारी निदेशक अविनाश पांडे, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे.