मुंबई. मानखुर्द निवासी 30 वर्षीय उबर चालक मोहम्मद सलिम अब्दुल करीम वाहीद अंसारी, पुणे में मृत अवस्था में मिला. अंसारी दो दिनों से लापता था. पुलिसिया जांच में पता चला है कि किसी ने कत्ल करके अंसारी की लाश को सड़क के किनारे फेंक दिया था.
मिली जानकारी के अनुसार, अंसारी 19 जून को किसी यात्री को लेकर पुणे गया था. लेकिन वह वापस नहीं लौटा. कई बार कोशिश करने के बाद भी परिजनों का उससे संपर्क नहीं हुआ. जिसके बाद अंसारी के भाई ने मानखुर्द पुलिस स्टेशन में उसके गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.
कार से मिला कत्ल का सुराग
मुंबई से पुणे के बीच के टोल नाकों, होटलों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों एवं मोबाइल की कॉल डिटेल की मदद से पुलिस ने अंसारी की तलाश शुरू की. इस दौरान पुलिस को अंसारी की कार पुणे के भोसरी क्षेत्र स्थित एक गैरेज में मिली. लेकिन पुलिस ये जानकर हैरान रह गई कि गैरेज में कार अंसारी नहीं ले गया था.
दोस्त निकला कातिल
लापता अंसारी और कार को गैरेज पहुंचाने वाले शख्स की तलाश पुलिस कर ही रही थी. उसी दौरान पुलिस को उर्स टोल नाके के पास एक लाश मिलने की खबर मिली, जो कि कत्ल करके फेंकी गई थी. मृतक की उम्र और कद-काठी अंसारी से मिलती-जुलती थी. इतना ही कत्ल का समय उर अंसारी के गुम होने की कालावधि भी एक जैसी थी. इसलिए पुलिस ने अंसारी के परिजनों को उर्स टोल नाके के पास मिला शव दिखाया. शव अंसारी का ही था. दूसरी तरफ पुलिस को अंसारी की कॉल डिटेल से आखिरी बार आदित्य नामक युवक से बात होने की जानकारी सामने आई. आदित्य, अंसारी का दोस्त था. लेकिन पुलिस का आदित्य से संपर्क नहीं हो पा रहा था. इसलिए आदित्य को मुख्य संदिग्ध मान कर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और कड़ी मशक्कत के बाद उसे लातूर से हिरासत में ले लिया.
पैसों के विवाद में किया कत्ल
रिपोर्टों के अनुसार, आदित्य ने पुलिसिया पूछताछ में अंसारी के कत्ल की बात कबूल कर ली. उसने बताया कि वह अंसारी की कार खरीदना चाहता था. अंसारी कार बेचने को तैयार भी हो गया. लेकिन बाद में उसने इरादा बदल लिया. आदित्य ने पुलिस को बताया कि 18 जून को वह अंसारी से दादर में मिला था. वह अंसारी की कार से पुणे जा रहा था. लेकिन रास्ते में कार के पैसों के लेनदेन को लेकर उनके बीच झगड़ा हो गया. इससे आदित्य को गुस्सा आ गया. उसने कार की डैश बोर्ड में रखा चाकू निकाल कर अंसारी को मार दिया. बुरी तरह से जख्मी अंसारी को आगे सड़क किनारे फेंक कर वह कार से भाग निकला. लेकिन रास्ते में कार बिगड़ गई. इसलिए कार को टोइंग वैन की मदद से गैरेज पहुंचाने के बाद वह अपने गांव लातूर भाग गया था.
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