मुंबई. 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सत्र न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्दोष करार दिया है. हाई कोर्ट के इस फैसले पर हर कोई हैरानी जता रहा है. क्योंकि सत्र न्यायालय ने 5 आरोपियों को फांसी, 7 को उम्र कैद और एक आरोपी को बरी करने का आदेश दिया था.
बता दें कि 11 जुलाई 2006 की शाम के दौरान मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में 284 यात्रियों की मौत हो गई थी और लगभग 800 से अधिक लोग घायल भी हुए थे. मामले में जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 5 अभियुक्तों को सत्र (विशेष मकोका) अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी और बाकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. लेकिन घटना के लगभग 19 साल बाद उच्च न्यायालय ने सत्र (विशेष मकोका) अदालत के फैसले को पलट दिया और सभी अभियुक्तों को बरी करने का आदेश दिया है. इनमें फांसी की सजा पाने वाले बशीर खान और मुजम्मिल शेख भी शामिल थे, जो कि फिलहाल पुणे की यरवदा जेल में बंद हैं. हाई कोर्ट के फैसले के बाद लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि सब आरोपी निर्दोष हैं तो 284लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
एटीएस सुप्रीम कोर्ट जाएगा
हाई कोर्ट के फैसले के बाद जहां आरोपियों की जेल से रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. तो वहीं एटीएस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.

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