मुंबई. ऑन लाइन फ्रॉड आज दुनियाभर की पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं. इस पर लगाम लगाने में पुलिस लगभग नाकाम ही सिद्ध हुई है. पुलिस के लिए दूरदराज के इलाकों में बैठे अपराधियों को पकड़ना एवं खासकर उनसे ठगी की रकम वापस हासिल करना नामुमकिन जैसा ही टारगेट होता है. इसके बाद भी मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नामुमकिन को मुमकिन बनाने वाला काम किया है. सही समय पर मिली सूचना के बाद पुलिस ने तत्परता से कदम उठाते हुए हैकरों द्वारा ठगे गए 11.19 करोड़ रुपए बचा लिए.
बीते बुधवार को घटित हुई ईमेल स्पूफिंग (हैकिंग धोखाधड़ी) की इस घटना के बारे में क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्ता नलावड़े ने बताया कि दोपहर लगभग 1:30 बजे, पवई निवासी शिकायतकर्ता ने मुंबई पुलिस की साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करके बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी कंपनी के बैंक खाते से जुड़ी ईमेल आईडी को हैक कर लिया है. जालसाज ने कंपनी के नाम से कोटक महिंद्रा बैंक को एक ईमेल भेजा, जिसमें बैंक को गुमराह करके व्यवसाय संचालन के झूठे बहाने से दो अलग-अलग खातों में 11,34,85,258/- रुपए के लेनदेन को प्रोसेस किया गया, जिससे साइबर धोखाधड़ी हुई.
15 लाख ही उड़ा पाए सेंधमार
धोखाधड़ी का पता चलने पर, शिकायतकर्ता ने तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन को मामले की सूचना दी थी. इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच के पीआई निवृति बावस्कर, एपीआई नागराल, पीएसआई रावूल और पीएसआई काकड़ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनसीसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज की तथा बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय किया. उनके द्वारा समय पर की गई कार्रवाई के कारण धोखाधड़ी वाले खातों में ₹11,19,50,501/- (₹11.19 करोड़) को सफलतापूर्वक फ्रीज किया गया. करोड़ों रुपए की ठगी के इस मामले में पुलिस की सतर्कता से ठगों के हाथ सिर्फ 1534757 रुपए ही लग सके. इससे पीड़ित एक बड़े वित्तीय नुकसान से बच गया. डीसीपी दत्ता नलावडे ने मुंबईकरों से साइबर ठगी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत करने की अपील की है.
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