मुंबई. बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा जारी लुकआउट नोटिस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है. शिल्पा और राज ने 2 से 5 अक्टूबर के बीच अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए थाईलैंड जाने की अनुमति मांगी थी. लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी. मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी. हाईकोर्ट के फैसले के कारण शिल्पा और राज विदेश में छुट्टी मनाने नहीं जा सकेंगे.
शिल्पा के कारोबारी पति कुंद्रा का विवादों से पुराना नाता रहा है. बहुचर्चित सॉफ्ट पोर्न मामले की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. लेकिन उनकी हरकतें फिर भी बंद नहीं हुई और इस बार शिल्पा भी कुंद्रा के साथ विवाद में फंस गई हैं.
क्या है मामला?
मुंबई के एक व्यवसायी व्यवसायी दीपक कोठारी
ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2015 से 2023 के बीच दंपति ने उन्हें अपनी अब बंद हो चुकी कंपनी – बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड – में 60 करोड़ रुपए निवेश करने के लिए राजी किया था. लेकिन उक्त राशि का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया. शिल्पा और राज कुंद्रा के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के दौरान मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पूछताछ के लिए कुंद्रा को तलब किया था, ईओडब्ल्यू के समन पर कुंद्रा ने अपना जवाब भी दर्ज कराया था लेकिन शिल्पा को तलब किए बगैर ही ईओडब्ल्यू ने हाल ही में दोनों के खिलाफ लुकआउट (एलओसी) नोटिस जारी किया था.
एलओसी को चुनौती
शिल्पा और राज कुंद्रा ने लुकआउट नोटिस पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी. याचिका में दलील दी गई है कि शेट्टी ने सितंबर 2016 में ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. जबकि कुंद्रा पेशे से व्यवसायी हैं. उन्हें अक्सर विदेश यात्रा करनी पड़ती है. इसी तरह शिल्पा अभिनेत्री हैं और उन्हें अपनी पेशेवर प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए विदेश जाना पड़ता है. याचिका में दलील दी गई कि ”आवेदकों को अपना व्यवसाय और/या पेशा जारी रखने का मौलिक अधिकार है और उन्हें इसकी अनुमति (विदेश यात्रा करने) देने से मना करना उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा. याचिका बुधवार को मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई. पीठ ने संबंधित अधिकारियों को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

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