मुंबई. विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहन योजना की सातवीं किस्त का पैसा ज्यादातर लाभार्थी महिलाओं के खाते में पहुंच चुका है. इस बीच इस योजना में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा होने का खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि चुनाव के पहले महिलाओं का वोट पाने के लिए लाई गई इस योजना के तहत सरकार ने फर्जी लाडली बहनों पर करीब 3,700 करोड़ रुपए लुटा दिए. इस खुलासे के बाद विपक्ष आक्रामक हो गया है. विपक्ष सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.
‘लाडली बहन’ योजना को लेकर जारी कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि राज्य में लगभग 30 लाख महिलाओं ने अयोग्य होने के बावजूद योजना का लाभ उठाया है.
26 लाख लाडली को दो योजनाओं का पैसा
रिपोर्टों के अनुसार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार को 2 करोड़ 46 लाख लाडली बहनों पर प्रति माह 3700 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहा है. राज्य में लगभग 2 करोड़ 39 लाख लाडली गरीबी रेखा से नीचे हैं. इनमें से 26 लाख से अधिक महिलाओं को पहले ही एसजीएनपीवाई, किसान सम्मान योजना या दूसरी योजनाओं का लाभ मिल रहा था, जो कि नियमत: गलत है. इस तरह ‘लाडली बहन’ योजना की दूसरी शर्तों, मसलन परिवार की सालाना ढाई लाख रुपए से अधिक आमदनी, सरकारी नौकरी एवं कुछ अन्य शर्तों का उल्लंघन करने वाली लाखों लाडली बहने भी योजना का लाभ ले रही हैं. रिपोर्टों के अनुसार अब तक की जांच में करीब 30 लाख अपात्र लाभार्थी महिलाओं के लाभ लेने का खुलासा हुआ है, जिस पर सरकार के 3,700 करोड़ से अधिक रुपए खर्च हुए हैं. इसके लिए विपक्ष ने सीधे सरकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.