मुंबई. अपनी फिल्मों से देशभक्ति की अलख जगाने वाले बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंतिम यात्रा के लिए उनके ताबूत के साथ-साथ उनके पार्थिव शरीर को ले जाने वाली एंबुलेंस को भी तिरंगे में फूलों की माला से सजाया गया था. बॉलीवुड में भारत कुमार के नाम से मशहूर लिजेंड अभिनेता मनोज कुमार को अंतिम बिदाई देने के लिए पहुंचे लोगों में उनके पारिवारिक सदस्यों के अलावा मित्रों, बिग बी यानी अमिताभ बच्चन, सलीम खान जैसी बॉलीवुड हस्तियों एवं बड़ी संख्या में फैंस भी शामिल थे.
पद्म श्री व दादा साहेब फालके जैसे सम्मानित पुरस्कार प्राप्त कर चुके मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था. 24 जुलाई, 1937 को उनका जन्म एबटाबाद (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. बॉलीवुड में पदार्पण के समय उस दौर की परंपरा के अनुसार उन्हें मनोज कुमार नाम धारण करना पड़ा था. लेकिन पहचान, संन्यासी, दस मुंबई, रोटी कपड़ा और मकान, शोर, पत्थर के सनम आदि यादगार फिल्मों में अपनी अदाओं और दमदार अभिनय क्षमता के जरिए वह जल्द ही बॉलीवुड में छा गए. देश भक्त वाली उनकी छवि के कारण वह जल्द ही भारतीय सिनेमा इतिहास के प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक बन गए थे. मजबूत, देशभक्तिपूर्ण पात्रों के उनके चित्रण ने उन्हें “भारत कुमार” की उपाधि दिलाई. उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970), शहीद (1965) और क्रांति जैसी उनकी फिल्में ऐतिहासिक निर्माण बन गईं. जिन्होंने भारत में राष्ट्रवादी सिनेमा को परिभाषित किया.

बीमार थे मनोज
मनोज का मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में इलाज चल रहा था. शुक्रवार को 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसे ली थीं. उनके पुत्र कुणाल गोस्वामी ने बताया कि मनोज लंबे समय से बीमार थे. करीब तीन सप्ताह पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

आज शोक सभा
परिजनों ने एक नोट के जरिए बताया है कि दिवंगत मनोज के लिए रविवार, 6 अप्रैल को मुंबई के जे.डब्ल्यू. मैरियट होटल में शाम 4 से 6 बजे के बीच प्रार्थना सभा आयोजित की गई है.

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