मुंबई. एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के रूप में विख्यात धारावी के पुनर्विकास परियोजना से जुड़े अदानी समूह को अब गोरेगांव – पश्चिम स्थित मोतीलाल नगर के पुनर्विकास का ठेका भी मिल गया है. अदानी समूह ने 36,000 करोड़ रुपए की सर्वाधिक बोली लगाकर इस परियोजना को हासिल किया है.
मुंबई के पश्चिमी उपनगर गोरेगांव में 143 एकड़ भूखंड पर बसे मोतीलाल नगर- 1, 2 और 3, मुंबई की सबसे बड़ी आवास पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक है. सूत्रों का दावा है कि अदानी समूह की कंपनी अदानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (एपीपीएल) ने इस परियोजना के लिए अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एलएंडटी के मुकाबले अधिक निर्मित क्षेत्र की पेशकश करके परियोजना अपने नाम कर ली. हालांकि, इस मामले अदानी समूह की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन सूत्रों का ऐसा दावा है कि परियोजना के लिए अदाणी समूह को आवंटन पत्र (एलओए) निर्धारित समय में जारी कर दिया जाएगा.

राज्य सरकार ने घोषित की विशेष परियोजना
गौरतलब हो कि राज्य सरकार ने मोतीलाल पुनर्वास परियोजना को पहले ही एक ‘विशेष परियोजना’ घोषित कर दिया है. मुंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह ही महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) को किसी निर्माण एवं विकास एजेंसी (सीएंडडीए) के जरिए मोतीलाल नगर के पुनर्विकास की अनुमति दी थी. इसलिए म्हाडा का इस पर नियंत्रण बना हुआ है लेकिन उसने काम पूरा करने के लिए आवश्यक क्षमता न होने पर सीएंडडीए के जरिए काम कराने का निर्णय लिया है. मोतीलाल नगर के पुनर्विकास की कुल अनुमानित लागत लगभग 36,000 करोड़ रुपए है, और पुनर्वास अवधि परियोजना की शुरुआत/आरंभ तिथि से 7 साल निर्धारित की गई है. मोतीलाल नगर पुनर्विकास के लिए निविदा शर्तों के तहत सीएंडडीए को 3.83 लाख वर्ग मीटर का आवासीय क्षेत्र सौंपने का प्रावधान है. हालांकि अदानी समूह की कंपनी ने म्हाडा को 3.97 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र सौंपने पर सहमति जताते हुए बोली जीती है.

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