मुंबई. राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में बार-बार गिरफ्तारियां होने के बावजूद, आरोपी जमानत पर रिहा हो जाते हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि ऐसे मामलों में ‘महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम’ (मकोका) लगाने के लिए कानून में संशोधन किया जाएगा. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत विधानसभा सदस्य विलास भुमरे ने एक अहम मुद्दा उठाया था. तो वहीं विधानसभा सदस्य वरुण सरदेसाई भी इस चर्चा में शामिल रहे. इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्तमान में एनडीपीएस के तहत सभी अपराधों में मकोका लगाना संभव नहीं है. हालांकि, इस सदन ने इसे मंजूरी दे दी है और एक-दो दिन में उपरोक्त सदन भी इसे मंजूरी मिल जाएगी. इसके बाद, बार-बार मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर मकोका के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी.
विदेशी अपराधियों के लिए विशेष रणनीति
छत्रपति संभाजीनगर में नशा विरोधी अभियान चल रहा है और अतिक्रमण के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई चल रही है. हर थाने में नशा विरोधी इकाई का गठन किया गया है. इसके माध्यम से गतिविधियों में तेजी लाई गई है, खासकर स्कूल संपर्क अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है. पिछले साल छत्रपति संभाजीनगर के 379 से 389 स्कूलों का दौरा किया गया और 257 कार्यशालाओं के माध्यम से नशा विरोधी जागरूकता पैदा की गई. उन्होंने कहा कि बेहराम पाड़ा जैसे संवेदनशील इलाकों में भी कार्रवाई की जाएगी. नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. विदेशी नागरिक जो यहां आकर अपराध करते हैं और फैसला आने तक रुकते हैं, उनकी कार्रवाई में देरी होती है. इस संबंध में केंद्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है और एक प्रभावी कार्य प्रणाली तैयार की जा रही है ताकि छोटे अपराधों में भी मामले वापस लिए जा सकें और तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराने पर आरोपियों को ‘निर्वासित’ किया जा सके.
सभी पुलिस थानों में अलग नशा-विरोधी प्रकोष्ठ
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में अक्सर आरोपी अपनी उम्र का बहाना बना कर बचाने का प्रयास करते हैं. इस दुरुपयोग को रोकने और कानून के ‘मामूली अज्ञानता’ नियम में संशोधन के लिए, बलात्कार के मामलों में अपराध की प्रकृति को देखते हुए निर्णय लिया जा रहा है और इसी प्रकार दोषियों की आयु भी दो वर्ष कम की जा रही है. राज्य में नशा तस्करों के विरुद्ध विशेष अभियान, नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है. नार्को-समन्वय प्रणाली का पुनर्गठन किया गया है और एक नशा-विरोधी कार्यबल का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी विधानसभा में यह बात कहा कि राज्य में मादक पदार्थों के व्यापार और प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सभी पुलिस इकाइयों में अलग-अलग नशा-विरोधी प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version