ठाणे. 6 साल की बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या मामले गिरफ्तार आरोपी भिवंडी कोर्ट में पेशी के दौरान 6 पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया. करीब सप्ताह भर पहले घटी इस घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
मिली जानकारोबके अनुसार, वर्ष 2023 में भिवंडी शहर पुलिस की हद में बलात्कार के बाद बलात्कारी ने अपना पाप छिमाने के लिए एक 6 वर्षीय बच्ची को बर्बरता पूर्वक मौत के घाट उतार दिया था. मामले की जांच के बाद पुलिस आरोपी सलामत अली अंसारी को कड़ी मशक्कत के बाद बिहार से गिरफ्तार किया था. 20 सितंबर 2023 को बलात्कार, हत्या और पोक्सो की धाराओं के तहत गिरफ्तारी के बाद से सलामत अली न्यायिक हिरासत में ठाणे सेंट्रल जेल में बंद था. 4 अगस्त को ठाणे पुलिस की टीम उसे जेल से पेशी के लिए सुबह 11 बजे भिवंडी कोर्ट लाई थी. कोर्ट में दोपहर 1 बजे पेशी होने के बाद पुलिसकर्मी उसे कोर्ट परिसर में खड़ी पुलिस वैन के पास ले आए. इसी दौरान पुलिसकर्मियों का ध्यान थोड़ा भटका और सलामत अली मौके का लाभ उठाकर फरार हो गया.
6 टीमें कर रही हैं तलाश
सलामत अली की कोर्ट से फरारी के बाद भिवंडी की शांति नगर पुलिस में मामला दर्ज किया गया और और 6 टीमों को उसे ढूंढने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इनमें से दो टीमों को कोर्ट और आसपास क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेजों की मदद से सलामत के भागने के रूट का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई. तो वहीं दो अन्य टीमों को रेलवे पुलिस की मदद से भिवंडी एवं कल्याण रेलवे स्टेशनों एवं वहां से जाने वाली ट्रेनों में तलाशी लेने की जिम्मेदारी दी गई है. तो वहीं शेष दो टीमें सलामत के अन्य संभावित ठिकानों की जानकारी जुटाने में लगी हैं. लेकिन लगभग एक सप्ताह बीतने के बाद भी पुलिस सलामत अली का सुराग नहीं ढूंढ पाई है.
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
बलात्कार, हत्या और पोक्सो जैसी गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तारी की वजह से जेल से सलामत अली को 6 पुलिसकर्मियों के साथ कोर्ट भेजा गया था. लेकिन वह 6 पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया. अतः ठाणे पुलिस मुख्यालय में तैनात सिपाही अमोल बालासो तरदे, मोतीराम दत्ता थेबारे, दत्ता बाबनराव सरकार, दीपक शिवदास इंगले, विकास प्रेमराव चाटे और संगीता अशोक चोखंडे को सेवा के प्रति लापरवाह मानते हुए निलंबित कर दिया गया है. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय-2) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को विचाराधीन कैदी को अदालत में पेश करने का काम सौंपा गया था. हालाँकि, वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में लापरवाही करते पाए गए, क्योंकि वे अभियुक्तों पर कड़ी नजर रखने में विफल रहे और ड्यूटी के दौरान सतर्क नहीं थे.
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