मुंबई. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए, आवश्यक बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से करने के लिए महापारेषण की स्वीकृत परियोजनाओं का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिए।

विधान भवन में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित महापारेषण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया। बैठक में राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर, विधायक दिलीप वलसे पाटिल, मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, अपर मुख्य सचिव (वन विभाग) मिलिंद म्हैसकर, ऊर्जा विभाग की अपर मुख्य सचिव आभा शुक्ला, पर्यावरण विभाग की प्रधान सचिव विनिता सिंगल, महापारेषण के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव कुमार समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने महापारेषण की विभिन्न जिलों में लंबित कार्यों की विस्तृत समीक्षा की और सभी कार्यों को बिना किसी देरी के शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से पालघर जिले में बड़ी संख्या में लंबित कार्यों की त्वरित पूर्ति का आदेश दिया। साथ ही, बढ़ती बिजली जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, TBCB (Tariff-Based Competitive Bidding) योजना के तहत “गति शक्ति” प्लेटफॉर्म पर योजनाओं की योजना बनाने की सलाह दी।

नवी मुंबई डेटा सेंटर हब को ग्रीन पावर आपूर्ति के संदर्भ में उचित योजना बनाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राजनीतिक या अन्य हस्तक्षेपों से प्रभावित हुए बिना सभी संबंधित विभाग ट्रांसमिशन टावर के निर्माण कार्य में तेजी लाएं। इसके लिए आवश्यक जिलों में पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इन परियोजनाओं का समय पर पूरा होना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्यों को गति देने और लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

बैठक में निम्नलिखित ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं की समीक्षा की गई: बाभलेश्वर-कुडुस, शिकरपुर-रांजणगांव, जेजुरी-हिंजवडी, पडघे-वाडा और कोलशेत-वाडा, विशविंद-भेंडा, बाभलेश्वर-राजूरी-अहिल्यानगर एमआईडीसी, बोईसर (एमआईडीसी)-डहाणू, पडघे-वाडा, नागेवाड़ी-भोकरदन, डहाणू-सुर्यानगर एमएमआरडीए, कावदास-जव्हार, धानोरा-यावल से चोपड़ा, उमरेड-नागभीड़।

2024-34 के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क विस्तार योजना के तहत 1,54,522 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिसमें 86,656 नए कॉरिडोर का निर्माण होगा। इस योजना के कार्यान्वयन की विस्तृत जानकारी ऊर्जा विभाग की अपर मुख्य सचिव आभा शुक्ला ने बैठक में प्रस्तुत की।

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