मुंबई. महाराष्ट्र विधान परिषद में उप सभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार की दूरदर्शी योजना “मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन” (लाडली बहन) से राज्य की लाखों बहनों को हर महीने आर्थिक सहायता का लाभ मिल रहा है. इस योजना के तहत, पात्र महिलाओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे 1500 रुपए की मासिक सहायता राशि जमा की जाती है. महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली इस योजना से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा है.
रक्षाबंधन के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने जुलाई 2025 माह की 1500 रुपए की किस्त 9 अगस्त, 2025 से पहले लाभार्थी बहनों के खातों में जमा करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने कुल 746 करोड़ रुपए का वितरण किया है. इस योजना के अंतर्गत धनराशि के वितरण के लिए बीईएएमएस प्रणाली का उपयोग किया गया है, जिससे धनराशि का पारदर्शी और समय पर हस्तांतरण सुनिश्चित हुआ है. डॉ. गोर्हे ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, “यह निर्णय केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है. यह मानवीय मूल्यों से जुड़ा है और सामाजिक समानता के प्रति सजग है.”
महायुति सरकार का माना आभार
डॉ. गोर्हे ने यह भी कहा कि हम विधायक प्रवीण दरेकर की अध्यक्षता वाले मुंबई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सहयोग से महिला खाताधारकों को ऋण, व्यवसाय और बाजार की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह महिला बचत समूहों, स्वरोजगार और उत्पाद विक्रय को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। इससे महिलाएं आर्थिक स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ा पाएंगी। इसी प्रकार, शिवसेना ने महाराष्ट्र के सभी जिलों में उन बैंकों के साथ कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो लाडली बहन और महिला बचत समूहों के साथ सहयोग कर रहे हैं. डॉ. गोर्हे ने महिला सशक्तिकरण के लिए इस दूरदर्शी नीतिगत निर्णय के लिए महायुति सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे को बधाई दी और महिलाओं के प्रति उनके नेतृत्व और प्रतिबद्धता की सराहना की.
बंद नहीं होगी योजना
डॉ. गोर्हे ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस योजना के एक वर्ष पूरे होने पर, कुछ राजनीतिक टिप्पणीकार यह झूठा प्रचार कर रहे हैं कि “यह योजना बंद हो जाएगी.” लेकिन, वास्तव में, लाभार्थी महिलाओं का इस योजना में दृढ़ विश्वास है. उन्होंने बड़े पैमाने पर इस योजना का लाभ उठाया है और उनका आत्मविश्वास और आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ा है. अगस्त 2025 में एक साल पूरा करने वाली लाडली बहन योजना की तर्ज पर, सरकार को इस योजना के तहत प्राप्त धन के उपयोग, इसके परिणामों और महिलाओं में आए सकारात्मक बदलाव पर गहन अध्ययन कर इस योजना की आवश्यकता है. डॉ. गोर्हे ने इस पर एक प्रभावी रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता जताई. विशेष रूप से, इस योजना के लिए न तो आदिवासी विकास विभाग और न ही सामाजिक न्याय विभाग के धन का उपयोग किया गया है. इसके लिए एक अलग निधि प्रदान की गई है और इसका उपयोग केवल महिलाओं के शारीरिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए किया जा रहा है. अतः यह स्पष्ट है कि आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग विभाग के धन का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग करने के आरोप निराधार हैं.
महिलाओं को दी रक्षाबंधन की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में इस योजना के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है और उनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता ही इसके सफल क्रियान्वयन का मुख्य कारण है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और मंत्री अदिति तटकरे के सहयोग से यह योजना पूरे राज्य में पहुंच गई है. अंत में, डॉ. नीलम गोर्हे ने राज्य की सभी लाभार्थी महिलाओं को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया, “यह योजना उनके जीवन में नए सपने, नए अवसर और नया आत्मविश्वास लेकर आएगी.” उन्होंने यह भी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि इस योजना का अगला चरण, जो महिलाओं की शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को उन्नत करेगा, व्यावसायिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक साबित होगा.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version