सरकार ने दिया वसूलने का आदेश
मुंबई. कम आय वाली गरीब, बेसहारा महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना का करोड़ों रुपए हजारों सरकारी कर्मचारी महिलाओं ने फर्जीवाड़ा करके लूट लिया. इसका खुलासा सरकारी जांच में हुआ है. जांच में फिलहाल 8 हजार सरकारी कर्मचारी महिलाओं की शिनाख्त की गई है, जो लाडली योजना का लाभ ले रही थी. इनमें कुछ सेवा निवृत्त सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. सरकार ने इन फर्जी लाडलियों के वेतन अथवा पेंशन की रकम से लाडली का पैसा वसूलने का आदेश दिया है.
बता दें कि राज्य में फिलहाल 2.25 करोड़ महिलाओं को सरकार जुलाई 2024 से लाडली बहन योजना के अंतर्गत हर महीने 1500 रुपए का भुगतान कर रही है. इससे सरकारी तिजोरी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. आदिवासी, दिव्यांग तथा बेरोजगारों से संबंधित विभागों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. इसी तरह इसकी वजह कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं. इसलिए सरकार लाभार्थियों की लगातार जांच करवा रही है.
क्या है योजना के नियम?
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के नियमों के मुताबिक, केवल उन महिलाओं को लाभ दिया जाना है, जिनकी पारिवारिक सालाना आय ढाई लाख रुपए से कम है. कोई भी सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी को इस योजना का लाभ लेने की अनुमति नहीं है. इसके बावजूद कई कर्मचारियों ने गलत जानकारी देकर सरकार को गुमराह किया. महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से ऐसे सभी कर्मचारियों की सूची तैयार की है. इसमें जिला परिषद कर्मचारी, शिक्षक, विभिन्न सरकारी विभागों की महिला कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं. सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है. महाराष्ट्र सिविल सेवा आचरण नियम, 1979 के तहत दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने पर विचार हो रहा है. आने वाले दिनों में इस बारे में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है. योजना का गलत लाभ उठाने वाली सेवानिवृत्त महिला कर्मचारियों से पैसे की वसूली के लिए पेंशन विभाग को लिखित सूचना भेजने की तैयारी सरकार कर रही है.

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