नवी मुंबई. दहेज लोभियों की हवस के कारण अब महाराष्ट्र कांपने लगा है. पुणे की वैष्णवी हगवाने की दहेज के लिए संदिग्ध खुदकुशी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है, इसी बीच नई मुंबई के तलोजा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. तलोजा में दहेज के लिए ससुरालियों के तानो से परेशान विवाहिता को कुलदीपक नहीं दे पाने के कारण दोहरी प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी, जिससे तंग आ गए उसने पहले अपनी 4 साल की बेटी का अपने ही हाथों से गला घोंट दिया उसके बाद खुद भी फांसी के फंदे से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.

उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने लिया घटना का संज्ञान

तलोजा फेज-1 के पेथली गांव की निवासी 30 वर्षीया सोनम केनी ने अपनी चार वर्षीय बेटी की तकिये से गला दबाकर हत्या कर दी और बाद में खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का तत्काल संज्ञान लिया है और पुलिस प्रशासन को मामले की गहन और व्यापक जांच कर तत्काल कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं.
डॉ. गोर्हे ने कहा कि सोनम की आत्महत्या के वास्तविक कारण का पता लगाना बहुत जरूरी है और यह जांचना भी जरूरी है कि क्या यह घटना केवल पारिवारिक कारणों पर आधारित है या इसके पीछे कोई सामाजिक, मानसिक या अन्य दबाव था? उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि घटना की जांच करते समय इस बात की बारीकी से जांच की जाए कि उस पर मानसिक, शारीरिक या पारिवारिक स्तर पर कोई दबाव तो नहीं था? उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर किसी ने सोनम को आत्महत्या के लिए उकसाया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
दोषी को मिले सजा
डॉ. गोर्हे ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर नजर रख रही हूं. संबंधित एजेंसियों को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए. अगर कोई सोनम की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है तो उसे सजा मिलनी चाहिए. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और भावनात्मक जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने पुलिस प्रशासन को जांच में तेजी लाने और सोनम के परिवार को न्याय दिलाने का निर्देश दिया है.

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