मुंबई. विले पार्ले के प्रेम नगर बस्ती के निवासियों पर एसआरए की नफरत की गाज गिर रही है. उक्त बस्ती का एस आर ए योजना के तहत प्रस्तावित पुनर्वास वर्षों से लटका हुआ है, जिसकी वजह से प्रेम नगर के वासी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. लेकिन अब विले पार्ले विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक पराग अलावणी प्रेमनगर के वासियों की मदद के लिए आगे आए हैं. विधायक अलावणी ने शुक्रवार को मनपा अधिकारियों के साथ विले पार्ले-पश्चिम स्थित प्रेम नगर बस्ती में बुनियादी सुविधाओं का जायजा दिया. इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में मनपा अधिकारियों से कह दिया कि यदि एसआरए यहां बुनियादी सुविधा देने में बाधा डालता है तो मनपा अपनी जमीन पर एस आर ए योजना के लिए दी गई एनओसी वापस ले ले.

बता दें कि महानगर पालिका की जमीन पर बसे प्रेम नगर में एसआरए के अड़ंगे के कारण सीवरेज प्रणाली, नाली सफाई, शौचालय मरम्मत, जल आपूर्ति आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में बाधा खड़ी हो रही थी. विधायक अलावणी ने शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान प्रेम नगर की बुनियादी समस्याओं से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया.

बताया जा रहा है कि डीएचएफएल घोटाले के कारण प्रेम नगर में झुग्गी पुनर्वास योजना पटरी से उतर गई है. प्रेम नगर में न तो झुग्गियों का पुनर्वास हो रहा है और न ही बुनियादी सुविधाएं मुहैया हो पा रही हैं. यहां पर गंदे पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है. तो वहीं जर्जर इमारत के बेसमेंट में जमनेवाले पानी को निकालने के लिए पंप के उपयोग का प्रस्ताव है लेकिन एसआरए की अनुमति के बगैर बिजली नहीं मिल रही है. इस वजह से पंप शुरू नहीं किया जा सकता है. इस वजह से स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी बीते कई वर्षों से बस्ती में सीवर लाइन डालने की मांग कर रहे हैं. लेकिन एसआरए और मनपा एक दूसरे की ओर अंगुली दिखाकर मामले को टालते रहे हैं.
अलावणी के प्रयासों के बाद बनी सहमति
विधायक पराग अलावणी के प्रयासों से शुक्रवार को आयोजित किए गए संयुक्त निरीक्षण दौरे के दौरान मनपा अधिकारियों ने क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं से जुड़े सभी काम पूरे करने पर सहमति जता दी. इस दौरान लंबे समय से रुका हुआ बस्ती में 9 इंच की पानी की पाइप लाइन डालने के अधूरे काम को 10 दिन के अंदर शुरू करने पर अधिकारियों ने सहमति जताई. इसके साथ-साथ अधिकारियों ने कहा कि शौचालयों की मरम्मत कार्य की योजना सुविधाजनक नहीं थी. इसलिए काम में देरी हो रही है लेकिन योजना में बदलाव कर एक सप्ताह के भीतर काम शुरू कर दिया जाएगा.

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