मुंबई. महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान मंत्री शंभुराज देसाई ने सोमवार को विधान परिषद में कहा कि मुंबई में कोलीवाडे के विकास के लिए सीमाओं को परिभाषित करने का काम अंतिम चरण में है. गावठण, कोलीवाडे और आदिवासी पाडा के लिए एक समावेशी आवास नीति तैयार की जा रही है, जिसमें 35 लाख घरों का लक्ष्य रखा गया है.
विधान परिषद में सदस्य प्रवीण दरेकर ने नियम 260 के तहत प्रस्ताव पेश किया था. इसमें सदस्य एडवोकेट अनिल परब, प्रसाद लाड, श्रीकांत भारतीय, संजय खोडके, विक्रांत पाटिल, अमोल मिटकरी, चित्रा वाघ, अमित गोरखे, शिवाजीराव गर्जे, संजय केनेकर, सदाभाऊ खोत और अन्य सदस्यों ने भाग लिया. इस पर मंत्री शंभुराज देसाई ने मुंबई के समग्र पुनर्विकास, कोलीवाडे के विकास, मिल श्रमिकों के लिए घर, झुग्गी पुनर्वास, चाल पुनर्विकास के साथ-साथ मुंबई मेट्रो कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मिल मजदूरों के लिए चल रही योजना के तहत पहले चरण में 13,161 फ्लैटों की लॉटरी हो चुकी है और अन्य 58,000 घरों की योजना अंतिम चरण में है. मंत्री देसाई ने आगे कहा कि ठाणे में मिल मजदूरों के लिए 52 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है.
जल्द दिया जाएगा कब्जा
चॉल पुनर्विकास के तहत वर्ली बीडीडी चॉल परियोजना में 556 घरों का कब्जा जल्द ही दिया जाएगा. साथ ही एन.एम. जोशी मार्ग और वर्ली चॉल परियोजनाओं में भी तेजी लाई जा रही है. धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए 259 हेक्टेयर जमीन पर काम चल रहा है और 63 हेक्टेयर जमीन का कब्जा दिया जा चुका है.
झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं में 228 योजनाओं के माध्यम से 2.18 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है. धारावी सहित केंद्र सरकार की जमीन पर झुग्गियों का सर्वेक्षण अंतिम चरण में है और केंद्र से ‘अनापत्ति’ प्राप्त करने के लिए निरंतर अनुवर्ती कार्रवाई जारी है.
मेट्रो एवं अन्य परियोजनाएं
मेट्रो परियोजना की प्रगति के बारे में मंत्री देसाई ने कहा कि कुल 647 किलोमीटर में से 456 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और 153 किलोमीटर मार्ग चालू हो चुका है. छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नवी मुंबई हवाई अड्डे तक के मार्ग पर भी जल्द ही काम शुरू होगा. पुलिस कॉलोनियों के बारे में, 56 में से 27 स्थानों पर 5655 आवास उपलब्ध कराए गए हैं. चांदिवली में खतरनाक पुलिस भवनों के पुनर्विकास के माध्यम से 585 क्वार्टर उपलब्ध कराए जाएंगे. परियोजना को बीच में छोड़ने वाले डेवलपर्स के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कहते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिभोग प्रमाण पत्र के बिना दिए गए कब्जे पर 500 रुपए प्रति वर्ग मीटर का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है. बांद्रा-पूर्व में सरकारी बस्ती पुनर्वास समिति के बारे में उन्होंने कहा कि इस समिति में स्थानीय विधायकों को शामिल किया गया है और इसमें सुहास आडिवडेकर, किरण पावस्कर, जीशान सिद्दीकी और महेश पारकर शामिल हैं.
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