मुंबई. बंगाल की खाड़ी से उठ रहे चक्रवाती तूफान शक्ति के कारण मंडरा रहे बेमौसम के बादल एक तरफ मुंबईकरों की चिंता बढ़ा रहे हैं. तो वहीं मुंबई को पीने का पानी उपलब्ध करानेवाली झीलों का तेजी से घटता जलस्तर मुंबईकरों की टेंशन बढ़ा रहा है. झीलों में अब मुंबईकरों के लिए सिर्फ 60 दिनों का पानी और शेष बचा है. इसलिए, मुंबई मनपा ने मुंबईकरों से पानी का संभलकर इस्तेमाल करने की अपील की है. क्योंकि यदि जून महीने में मानसून का मिजाज बिगड़ता है तो जुलाई महीने पीने का पानी मुंबईकरों के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार, शहर को जलापूर्ति करने वाली सात तालाबों का जलस्तर उनकी भंडारण क्षमता से 18 प्रतिशत तक गिर गया है. अब मुंबई रहवासियों को अगले 60 दिनों तक ही पानी मिल पाएगा. इस स्थिती ने मुबंईकरों की चिंता बढ़ा दी है. राहत कि बात यह है कि यह जल संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में छह प्रतिशत अधिक है. लेकिन जून महीने में बारिश औसत से कम होती है तो मुंबईकरों को पानी की कटौती झेलनी पड़ सकती है. फिलहाल मुंबई मनपा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है.

गर्मी और आबादी बढ़ने से घटा जलस्तर
बता दें कि मुंबई को प्रतिदिन सात तालाबों से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. इसमें मोदक सागर, तानसा, अपर वैतरणा, मध्य वैतरणा, तुलसी, विहार और भातसा झीलें शामिल हैं. इनमें से दो तालाब मुंबई में हैं, जबकि बाकी पड़ोसी जिलों ठाणे, पालघर और नासिक में हैं. मानसून के दौरान इन तालाबों का जलग्रहण क्षेत्र भर जाता है और इस पानी को मनपा प्रशासन शुद्धिकरण के बाद मुंबई के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सप्लाई करता है. सातों तालाबों की कुल भंडारण क्षमता 14.4 लाख मिलियन लीटर पानी है. बीएमसी प्रतिदिन 3950 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है. पिछले कुछ वर्षों में मुंबई में बढ़ते औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पानी की मांग में वृद्धि हुई है तो वहीं गर्मी में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण वाष्पीकरण तेज होने से भी झीलों के जलस्तर में गिरावट आई है.

जुलाई तक का ही पानी शेष

इस बीच, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा और अपर वैतरणा की प्रमुख आपूर्ति तालाबों का जलस्तर 20 प्रतिशत से अधिक नीचे गिर गया है. मनपा ने अपर वैतरणा और भातसा से 1.81 लाख मिलियन लीटर पानी निकालने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी प्राप्त कर ली है. मनपा प्रशासन के अनुसार, मुंबईकरों के पास जुलाई के अंत तक के लिए पर्याप्त जल भंडार है.

तीन दिन चलता है एक प्रतिशत पानी
मनपा प्रशासन के अनुमान के अनुसार, झीलों में जमा एक प्रतिशत जल पानी से लगभग तीन दिनों तक मुंबईकरों की जरूरतें पूरी होती हैं. लेकिन गत वर्ष मई महीने में प्रचंड गर्मी के कारण वाष्पीकरण और खपत बढ़ने से जल स्तर में तेज गिरावट दर्ज की गई थी. नतीजतन, 5 जून 2024 से 5 प्रतिशत जल कटौती लागू की गई.
ये भी है चिंता की वजह
मुंबई में मानसून का आगमन आमतौर पर 15 जून तक होता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में मानसून देरी से पहुंच रहा है. जून के अंतिम सप्ताह में बारिश की तीव्रता में वृद्धि देखने को मिली है. दिलचस्प बात यह है कि इन झीलों के जलग्रहण क्षेत्र पालघर, ठाणे और नासिक जिलों में हैं. जुलाई के मध्य से पहले वहां भारी बारिश शुरू नहीं होती.

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