मुंबई. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ को विधानसभा चुनाव 2024 में ऐतिहासिक सफलता दिलाने वाली ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना ने सरकार संतुलन बिगाड़ दिया है. ‘लाडली बहनों’ को हर महीने पैसों के भुगतान के लिए सरकार को दूसरे महत्वपूर्ण विभागों के बजट पर कैंची चलानी पड़ रही है. फिर भी बजट के इंतजाम में सरकार के पसीने छूट रहे हैं. लाभार्थियों में फर्जी लाडली की घुसपैठ इसकी एक बड़ी वजह है. इसलिए अब सरकार ने लाडली पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है.
‘लाडली बहन’ योजना विधानसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई थी. सत्तारूढ़ महायुति को इसका बड़ा राजनीतिक लाभ मिला था. लेकिन चुनाव के बाद बनी देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के लिए ‘लाडली बहन’ योजना भारी बोझ बन गई है. इसलिए सरकार ‘लाडली बहन योजना’ की लाभार्थियों के लिए निर्धारित नियमों को सख्त बनाने पर जोर दे रही है. ताकि फर्जी लाभार्थियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके. फर्जी लाडलियों की शिनाख्त के लिए सरकार ने लाभार्थियों के समक्ष पहले ई-केवीईसी की शर्त रखी थी. अब उस शर्त को और सख्त बनाते हुए विवाहित लाडलियों के पति और अविवाहित के पिता के लिए भी ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है. आर्थिक मामलों के जानकारों दावा है कि सरकार के इस मास्टरस्ट्रोक से ‘लाडली’ की लाभार्थियों की संख्या आधी से अधिक घट सकती है और असली लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा.
ये है सख्ती की वजह?
चुनाव से पहले आनन-फानन में लाई गई योजना को लेकर सरकार का मानना है कि लाडली बहनों के लिए लिए निर्धारित शर्तों का सही से पालन नहीं करने की वजह से बड़ी संख्या में फर्जी लाडलियों की योजना में घुसपैठ हो गई है. अब की जांच में लाखों की संख्या में फर्जी लाडलियों का पर्दाफाश हो चुका है. इनमें से हजारों सरकारी कर्मचारी महिलाएं भी शामिल पाई गईं. इस वजह से सरकार ने लाडली की लाभार्थियों और उनके पति या पिता के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है. सरकार के इस निर्णय से उन लाभार्थी महिलाओं का पर्दाफाश हो जाएगा, जिनकी अपनी या उनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख से अधिक होगी. यदि लाभार्थी महिला और उसके पति व पिता की आय की संयुक्त वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक पाई जाती है, तो संबंधित महिला को इस योजना से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. पहले कई पात्र महिलाओं की व्यक्तिगत आय कम थी. लेकिन सरकार ने परिवार की कुल आय का पता लगाने के लिए ई-केवाईसी का सख्त नियम लागू किया है.

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