मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने सोमवार को 2025-26 का राज्य बजट पेश किया. बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम बताते हुए अजीत ने संकल्प व्यक्त किया कि अब ‘विकसित भारत, विकसित महाराष्ट्र’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए,‘महाराष्ट्र रुकेगा नहीं… अब विकास रुकेगा नही’.
अजीत ने कहा कि यह कृषि, कृषि आधारित क्षेत्रों, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी सुविधाएं और सामाजिक विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रावधानों के साथ ‘विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र’ के सपने को साकार करने वाला बजट है. इस बजट से घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ेगा, रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी. अपने बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने महाराष्ट्र के परम आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, जिजाऊ मां साहेब, छत्रपति राजर्षि शाहू महाराज, महात्मा ज्योतीराव फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, राजमाता अहिल्यादेवी होलकर, सावित्रीबाई फुले और लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर के बलिदान की 350वीं वर्षगांठ का भी उल्लेख किया. महारानी ताराबाई की त्रिशतकोत्तर स्वर्ण महोत्सवी जयंती और पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर के त्रिशताब्दी जन्मवर्ष का भी उन्होंने आभार व्यक्त किया.
निवेश के अनुकूल माहौल
पवार ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण है. और औद्योगिक विकास में राज्य हमेशा अग्रणी रहा है तथा विदेशी निवेश में भी देश में शीर्ष पर है. जनवरी 2025 में दावोस में हुई विश्व आर्थिक सम्मेलन में राज्य सरकार ने ६३ कंपनियों के साथ समझौते किए, जिससे आने वाले समय में ₹15.72 लाख करोड़ का निवेश होगा और लगभग 16 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है.

बजट की मुख्य विशेषताएं

  1. राजकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के 3% से कम रखा गया है, और राजस्व घाटा भी 1% से कम रहा है.
  2. विकास दर को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत खर्च में वृद्धि के माध्यम से विकास चक्र को गति दी जाएगी और मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 300 बिलियन डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
  3. “मेक इन महाराष्ट्र” के तहत एक नई औद्योगिक नीति तैयार की जाएगी, जिससे अगले 5 वर्षों में 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 50 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है.
  4. कृषि क्षेत्र के विकास दर में सुधार हुआ है, जो 2024-25 में 8.7% तक पहुंच गया है, और किसानों की आय बढ़ाने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे, जैसे कृषि उत्पादन में मूल्यवर्धन और सिंचाई सुविधाओं में सुधार.
  5. केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से राज्य को अधिक केंद्रीय निधि प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे.
  6. वस्तु एवं सेवा कर (GST) से राज्य को होने वाली आय में हर साल 12-14% की वृद्धि हो रही है.
  7. सार्वजनिक संपत्ति मुद्रीकरण, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से सहायता, और योजनाओं के सुगम वित्तीय समर्थन के लिए नवाचारपूर्ण उपाय किए जाएंगे।
  8. राज्य में सड़कें, बंदरगाह, हवाई अड्डे, जलमार्ग, बस परिवहन, रेलवे और मेट्रो के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान किया गया है।
  9. गुणवत्ता वाली ग्रामीण सड़कों और राज्य महामार्गों को प्राथमिकता देने के लिए वित्तीय समर्थन दिया जा रहा है.
  10. नए आवास नीति के तहत ग्रामीण और शहरी आवास योजनाओं के लिए 15,000 करोड़ रुपए और 8,100 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
  11. राज्य की वार्षिक योजना में 33% की महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है.
  12. उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी जो योजनाओं का मूल्यांकन करके प्रभावी क्रियान्वयन के उपाय सुझाएगी.
  13. 1 अप्रैल 2025 से सभी व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं का लाभ केवल डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दिया जाएगा.
  14. राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए स्मारकों और तीर्थस्थलों के विकास के लिए प्रावधान किया गया है.
  15. राज्य में जलपर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
  16. खेल क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास और खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए नीतियां बनाई गई हैं.
  17. स्मार्ट पीडीएस और ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करके सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी.
  18. सहकारिता क्षेत्र में महाराष्ट्र के नेतृत्व को उजागर करने के लिए विभिन्न महोत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
  19. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति के तहत हर व्यक्ति को 5 किलोमीटर के दायरे में गुणवत्ता वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
  20. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा, और लड़कियों के लिए व्यवसायिक शिक्षा में 100% फीस प्रतिपूर्ति की जाएगी.
  21. राज्य न्यायालयों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा ताकि कानूनी मामलों का तेजी से निपटारा हो सके.
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