मुंबई. महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों (उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे) ने अपनी पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) व शिवसेना (शिंदे गुट) का स्थापना दिवस पूरी भव्यता से मनाया. इस मौके पर शिंदे और उद्धव ने एक दूसरे पर जमकर शब्दों के बाण चलाए. मुंबई के षणमुखानंद हाल में आयोजित समारोह में उद्धव ने डीसीएम शिंदे और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारी पार्टी तोड़ी, पिता और चिन्ह चुरा लिया लेकिन फर्क भी ये लोग उद्धव ठाकरे को खत्म नहीं कर पाए.
उद्धव ने कहा कि पैसा फेको तमाशा देखो, ऐसा चोरों का बाजार विरोधियों ने सजा रखा है. उन्होंने डीसीएम शिंदे पर नाम लिए बगैर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये जो आज अपनी दाढ़ी खुजा रहे हैं, ये कल कहां थे, पता नहीं. लेकिन आज इस सभागृह में जुट शिवसेनिकों कि भीड़ और नारेबाजी ये लोग देख लेंगे तो इनकी नेपकिन सहित कपड़े गिले हो जाएंगे.

उद्धव के भाषण के प्रमुख मुद्दे
शिवसेनिकों एवं पदाधिकारियों को बधाई देते हुए उद्धव ने कहा कि शिवसेना की स्थापना को 59 वर्ष हो गए हैं लेकिन शिवसेना आज भी युवा ही है. शिंदे और बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में जिन लोगों ने अपना बाप बदला है और जिनकी राजनीतिक संताने पैदा नहीं होती है, वे हमपर वंशवाद का आरोप लगाकर कटाक्ष करते हैं. उन्होंने पैसा फेंको, तमाशा देखो कहकर शिंदे के सम्मेलन का उपहास उड़ाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार के अशुभ शासनकाल में देश पर आफतों का पहाड़ टूट रहा है. हवाई अड्डे की छत से रिसाव हो रहा था. मेट्रो स्टेशन में पानी भर गया. प्रयागराज में भगदड़, विमान दुर्घटना. ऐसा कहते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में आज हमारे देश को प्रधानमंत्री की जरूरत है लेकिन आज कोई प्रधानमंत्री नहीं है वे भाजपा के प्रधानमंत्री हैं. जिन सरदार पटेल ने आर एस एस पर पाबंदी लगाई, उन सरदार पटेल का सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करवा दी.
राणे परिवार पर निशाना
उद्धव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सांसद नारायण राणे के बेटे व मंत्री नितेश राणे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपकी आवाज कैसी है, कद पेंगुइन जीतना बड़ा और चाल मेढक जैसी है और आप लोग बातें कैसी करते हो, आपके पिता की पृष्ठभूमि क्या है और आप किस पर कटाक्ष करते हो, ऐसा सवाल उठाते हुए उद्धव ने कहा कि पहले कोई एक पिता तो तय कर लो.
कम ऑन किल मी’
अपने भाषण में उद्धव ठाकरे ने 92-93 के मुंबई दंगों की याद दिलाते हुए उपस्थित शिवसैनिकों से कहा कि तब आप ही लोग सड़कों पर उतरे थे. लेकिन उस समय एक व्यक्ति ने बालासाहेब के पास आकर कहा था कि बालासाहेब अब बस हो गया. बहुत हो गया. उद्धव ने कहा कि वह व्यक्ति कौन था मैं नहीं बताऊंगा लेकिन वह आज भी जीवित है. इसके बाद उद्धव ने डीसीएम शिंदे पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने नाना पाटेकर की फिल्म ‘प्रहार’ का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने प्रहार फिल्म देखी है. उसमें नाना गैंगस्टर के सामने खड़े होते हैं और कहते हैं, ‘कम ऑन किल मी’. मैं भी उसी तरह से इन गद्दारों के सामने खड़ा हूं और चुनौती देता हूं, कम ऑन किल मी. मैं भी उसी तरह से कहता हूं, यदि हिम्मत है तो आओ, एक बार मुझ पर हमला करके देख लो. लेकिन हमला करने से पहले एक काम कर लेना, जैसे फिल्म दीवार में अमिताभ बच्चन कहते हैं कि मुझे मारने के लिए आना तो साथ में एंबुलेंस लेकर आना क्योंकि आप लोग आओगे अपने पैरों पर लेकिन वापस जाने के लिए आपके पैर सलामत नहीं रहेंगे. उसी तरह आप भी एंबुलेंस लेकर आना क्योंकि आप आओगे सही सलामत लेकिन आपकी उठाकर ले जाना पड़ेगा.

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