मुंबई. बारिश से पहले सत्तारूढ़ नेता और प्रशासनिक अधिकारी हर साल वादा करते हैं कि इस बार बरसात के पानी में मुंबई को डूबने नहीं देंगे लेकिन मानसून के दौरान बरसाती पानी के कारण मुंबई में जगह जगह होने वाला जल जमाव नियति बन गया है. ऐसा ही वर्ष 2025 के मानसून में भी देखने को मिल रहा है. नेताओं और अधिकारियों के वादे हर बार की तरह इस बार भी मौसम की पहली बारिश के पानी में बह गए.
दशकों बाद समय से पहले मुंबई पहुंचे मानसून के कारण सोमवार को एमएमआर में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. बात मुंबई की करें तो मई महीने में हुई बारिश ने मुंबई शहर और उपनगरों को बुरी तरह से प्रभावित किया. कई निचले इलाकों में पानी भर गया. बारिश के कारण सड़कें जल मग्न हो गईं तो वहीं रेल पटरियों एवं भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में भी पानी भर गया. नतीजतन, सप्ताह के पहले दिन काम पर जाने वाले मेहनतकश एवं नौकरीपेशा वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसी के साथ सत्तारूढ़ दलों और विरोधियों के बीच बारिश पर ढिठाई की राजनीति शुरू हो गई है. बारिश से आम मुंबईकरों को हुई परेशानियों का जायजा लेने सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष भी दौड़ पड़ा. विपक्ष ने पहली बारिश में मुंबई में बाढ़ आने के लिए सत्तारूढ़ दल की आलोचना की है. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के विधायक एवं नेता आदित्य ठाकरे ने जलभराव वाले क्षेत्र का जायजा लिया और सरकार की आलोचना की. तो वहीं प्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और मुंबई प्रदेश अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने भी राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. जबकि सत्तारूढ़ महायुति सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपनगर के पालक मंत्री आशीष शेलार पलटवार करते नजर आए.

आइए देखते हैं सोमवार को मुंबई में ही भीषण बारिश के बाद किस नेता ने क्या बयान दिया?

पहली बारिश में मुंबई तो जलमग्न हुई ही, लेकिन भूमिगत मेट्रो स्टेशन में भी पानी भर गया इससे महायुति सरकार का भ्रष्टाचार उजागर हो गया. तीन साल से मुंबई महानगर पालिका बीजेपी और उपमुख्यमंत्री शिंदे के हाथों में है. इन्होंने सिर्फ जनता का पैसा लूटने का काम किया है. हम इसकी खबर तो लेंगे ही, लेकिन आज शिव सैनिकों से मेरी अपील है कि वे सड़कों पर उतरें और लोगों की मदद करें!

  • उद्धव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री व पक्ष प्रमुख शिवसेना यूबीटी

आदित्य की प्रेस कॉन्फ्रेंस मतलब चोर मचाये शोर!
आज मुंबईकरों की दुर्दशा के लिए उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार हैं. पिछले 25 वर्षों में, उनके कटौती कमीशन व्यवसाय, ठेकेदारों के साथ कटौती कमीशन, मुंबई में ऐसी स्थिति का कारण बना है. हम मुंबईवासियों की ईमानदारी से सेवा कर रहे हैं और करते रहेंगे. लेकिन जब मुंबई में नाला सफाई और सड़कों के कंक्रीटीकरण का काम चल रहा था, हमने कार्यप्रगति जायजा लिया, खामियां ढूंढी और प्रशासन से सवाल भी पूछे. लेकिन मुंबई के प्रतिनिधि विधायक आदित्य ठाकरे कहां थे? क्या आप लंदन में थेम्स नदी और पेरीस की सीन नदी निरीक्षण कर रहे थे? आदित्य ठाकरे, आप मिस्टर इंडिया की तरह गायब हो जाते हैं. क्या 25 वर्षों तक मुंबई मनपा में शासन करने वाले उद्धव ठाकरे 26 जुलाई, 2005 की बरसाती बाढ़ के दौरान सड़कों पर उतरे थे? इन सभी सवालों का जवाब पहले आदित्य ठाकरे को देना चाहिए. आदित्य और उनके बगलाबच्चे आज जो हायतौबा मचा रहे हैं, ईओडब्ल्यू तथा ए.सी.बी. सहित विभिन्न एजेंसियों का दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कसता शिकंजा उसकी वजह है. इसलिए ठेकेदारों के खिलाफ न बोला जाए ऐसा ठाकरे का प्रयास है. लेकिन हम दावा करते हैं कि जिस दिन लोगों ने मुंबई मनपा का प्रशासन भाजपा और महायुति के हाथों में दे दिया हम इन सभी का समाधान ढूंढ लेंगे.
– आशीष शेलार, पालक मंत्री-मुंबई उपनगरीय जिला

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version