मुंबई. डिजिटल इंडिया में साइबर सेंधमारी की घटनाएं बेतहाशा बढ़ रही हैं. यह सच्चाई है कि ठगी की घटनाओं के अनुपात में पुलिस की कार्रवाई या सायबर सेंधमारों को रोकने में मिली सफलता का प्रमाण बहुत ही कम है. इससे साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद होने लगे हैं. आलम ये है कि पहले जो ठग दूर बैठकर केवाईसी, डेबिट / क्रेडिट कार्ड बंद होने या गिफ्ट, लॉटरी, डिस्काउंट के ऑफर के नाम पर ओटीपी, सीवीवी नंबर आदि पूछकर लोगों को ठगते थे. अब वही ठग प्रत्यक्ष लोगों के घरों तक पहुंचने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला विनोबा भावे (वीबी) नगर पुलिस थाने की हद में सामने आया है. जहां गूगल पे का अधिकारी बन कर आया दुस्साहसी ठग ने एक शख्स को 10 हजार रुपए का चुना लगा दिया था. हालांकि पीड़ित एक सतर्क नागरिक था इसलिए ठग अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाया और मौके पर ही पकड़ा गया.
मिली जानकारी के अनुसार, पेशे से टेलरिंग का काम करने वाले मैइनुद्दीन सज्जाद अंसारी की कुर्ला में टेलरिंग की दुकान है. अंसारी अपने ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा के लिए अपनी दुकान में फोन पे का क्यूआर कोड बॉक्स इस्तेमाल करते हैं. दो रोज पहले खुद को गूगल पे का अधिकारी बताने वाला इमरान इलियास खान नामक शख्स अंसारी की दुकान पर पहुंचा और उसने कहा कि आप का फोन पे डिजिटल पेमेंट सिस्टम अपडेट नहीं है. उस अपडेट करना जरूरी है. गूगल पे का अधिकारी फोन पे का डिजिटल पेमेंट सिस्टम अपडेट करेगा, यह बात अंसारी को थोड़ी अटपटी लगी. फिर भी दुकान में प्रत्यक्ष आए ठग पर उन्होंने विश्वास कर लिया.
10 हजार किया ट्रांसफर
इमान ने अंसारी से कहा था कि यदि सिस्टम अपडेट नहीं होगा तो कस्टमर का भेजा पैसा बीच में ही फंस सकता. ऐसे में ग्राहक के अकाउंट से पैसा निकल जाएगा लेकिन आपके (अंसारी) अकाउंट में नहीं पहुंचेगा. इससे ग्राहकों से आपका झगड़ा होगा. ग्राहक से रिलेशन खराब होगा. इसलिए अंसारी इमरान के झांसे में फंस गया और सिस्टम अपडेट करने के लिए अपना मोबाइल उसे सौंप दिया. अंसारी के मोबाइल में कुछ देर यूं ही बटन दबाने के बाद इमरान ने मोबाइल लौटा दिया और यह कह कर वहां से जाने लगा कि कुछ देर में मोबाइल में सिस्टम अपग्रेड हो जाएगा. लेकिन सतर्क अंसारी ने उसे रोक कर अपना मोबाइल चेक किया तो पता चला कि मोबाइल से कुछ ही देर पहले 10 हजार रुपए किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं. अंसारी ने उस बारे में सवाल पूछा तो इमरान बोला कि गलती से हुआ होगा. इसके बाद इमरान ने अपने मोबाइल से एक शख्स को फोन किया तो अंसारी के मोबाइल में 10,001 रुपए वापस आ गए. इसके बाद भी अंसारी ने जिम्मेदार शहरी का दर्ज निभाया और इमरान को पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस इमरान से उसकी अन्य अपराधों में संलिप्तता और गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ कर रही है.
अंसारी जैसी सतर्कता जरूरी
इंटरनेट और कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि के कारण सुविधा बढ़ी है तो साथ साथ ठगी की आशंका भी काफी बढ़ गई है. कब, कहां, कौन और किस तरह से आपको शिकार बनाने का प्रयास करेगा, यह कोई नहीं बता सकता है. बस सतर्क रहना ही इससे बचने का एक मार्ग है.