मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया है कि हिंदुओं के पूजा स्थल के रूप में विख्यात मंदिर एक बार फिर से सामाजिक समानता का केंद्र बनेंगे, जैसा कि प्राचीन काल में होते थे. सोमवार को तिरुपति में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन एवं एक्सपो (आईटीसीएक्स 2025) के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती का वर्ष है और इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसे समय में होना बहुत ही अच्छा संयोग है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिस समय विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति को नष्ट किया, उस समय अहिल्यादेवी होलकर ने पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक मंदिरों और घाटों का पुनर्निर्माण किया. छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद अहिल्या देवी ने धर्म की पुनर्स्थापना के लिए काम किया.
सीएम फडणवीस ने कहा कि आज 50 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान करते हैं, लेकिन कोई उनकी जाति या पंथ नहीं पूछता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन जीवन पद्धति को बहुत मजबूती दी. भारत एकजुट है क्योंकि हम सनातन संस्कृति के साझा सूत्र से बंधे हैं. मंदिर हमारे सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग हैं. मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा का स्थान भी है. प्राचीन काल में मंदिर सामाजिक समानता के स्थान थे और उन्हें वह दर्जा पुनः प्रदान किया जाना चाहिए. तिरुपति देवस्थानम एक सरकारी ट्रस्ट है, जबकि महाराष्ट्र के शेगांव स्थित संत श्री गजानन महाराज संस्थान निजी तौर पर प्रबंधित है. लेकिन, ये दोनों ही प्रबंधन के महान उदाहरण हैं. देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि इस सम्मेलन में मंदिर प्रबंधन, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं, भीड़ प्रबंधन, निर्माल्य प्रक्रिया और स्वच्छता जैसे कई विषयों पर व्यापक चर्चा होगी. इस सम्मेलन में लगभग 57 देशों के मंदिर प्रबंधन भाग ले रहे हैं. इससे पहले सोमवार को सुबह मुख्यमंत्री फडणवीस ने तिरुपति मंदिर में भगवान बालाजी के दर्शन भी किए. आईटीसीएक्स 2025 के मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, आचार्य गोविंद देव गिरि महाराज, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक, मंत्री आशीष शेलार, विधायक प्रसाद लाड, गिरीश कुलकर्णी, मेघना बोर्डिकर, विश्वजीत राणे, प्रवीण दरेकर भी उपस्थित थे.

रोल मॉडल है तिरुपति के कुशल प्रबंधन

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सोमवार को दुनिया भर के मंदिरों के प्रतिनिधियों के भव्य समागम (आईटीसीएक्स 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस मौके पर फडणवीस ने आईटीसीएक्स के महत्व की सराहना करते हुए कहा कि तिरुपति में आयोजित किया जा रहा अंतरराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) एक सुंदर अवधारणा है, जो दुनिया भर धार्मिक नेताओं, स्कॉलरों एवं मंदिर प्रबंधनों को जोड़ती है और उन्हें ज्ञान साझा करने और सहयोगी सीखने के लिए एक मंच पर लाती है. हमारे पास तिरुपति मंदिर का उदाहरण है, जिसमें सबसे अच्छी प्रथाएं संचालित की जाती हैं. फडणवीस ने कहा कि हमारे पास तिरुपति मंदिर का उदाहरण है, जिसमें सबसे अच्छी प्रथाएं संचालित की जाती हैं. उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के कुशल प्रबंधन को एक मॉडल के रूप में भी स्वीकार करना चाहिए तथा इसके सर्वोत्तम-संचालित प्रथाओं को देखते हुए दूसरों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.

शामिल होंगी दुनियाभर की प्रमुख हस्तियां
सम्मेलन के दूसरे संस्करण में 17 देशों के 1,581 मंदिरों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. जबकि 58 अन्य देशों के 685 मंदिर हाइब्रिड प्रारूप में भाग ले रहे हैं. 111 से अधिक वक्ताओं, 15 कार्यशालाओं और 60 से अधिक प्रदर्शनी स्टालों के साथ, तीन दिवसीय कार्यक्रम मंदिर प्रशासन, विरासत के संरक्षण और मंदिर प्रबंधन में आधुनिक तकनीकी प्रगति पर सार्थक चर्चाओं करेंगे. राजनीतिक नेताओं और धार्मिक विद्वानों सहित कई प्रमुख हस्तियों के सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है. अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो 2025 का उद्देश्य दुनिया भर के मंदिरों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, यह सुनिश्चित करना है कि ज्ञान-साझाकरण और सहयोगी प्रयास दुनिया भर के समाजों के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध करते रहें.

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