योगेश कुमार सोनी, वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली. तकनीकी का जितना फायदा नही होता उससे ज्यादा नुकसान हो रहा है. बीते दिनों एक रिपोर्ट आई कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कुछ लोगों के नकली आधार व पैन कार्ड बनाने का प्रयास किया, जिससे इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को चिंता सताने लगी है. वहीं आजकल अपनी फोटो को चैट जीपीटी द्वारा कलात्मक व आकर्षक बनाने के लिए लोग इसका जमकर प्रयोग कर रहे हैं, जो आजकल बहुत ट्रैंड कर रहा है. हाल ही में सोशल मीडिया पर गूगल जेमिनी का (बनाना एआई साडी ट्रेंड) वायरल हो रहा है, जिसमें यूसर्ज अपनी फोटो को एआई की मदद से साडी में बदल रहे हैं. बीते दिनों एक महिला ने इंस्टाग्राम पर बताया कि उससे इस ऐप का प्रयोग किया और साडी वाली तस्वीर बनवाई,लेकिन एआई ने उसकी फोटो के शरीर के उस हिस्से का तिल दिखा दिया जो उसकी अपलोड की गई फोटो में नजर नहीं आ रहा था. इस बात से वह महिला बहुत भयभीत हो गई और इस घटना डरावना बताया और बाकी लोगों को भी चेताया कि बिना सोचे समझे अपनी फोटो का इस तरह के एपों पर न डालें. इसके अलावा एक लडका जो किसी लडकी को चाहता था लेकिन लड़की उसको पंसद नही करती थी. उसने एआई की मदद से अपना और उसका फोटो को मिलाकर किसीगं वाला विडियो बना दिया और उसको उस लडकी के रिश्तेदार व दोस्तों को सेंड कर दिया, जिससे लड़की की छवि को काफी क्षति पहुंची. दरअसल आज भी एक आयु वर्ग एआई से परिचित नही हैं तो कुछ लोगों ने उसको असली मान लिया, जिससे वह लडकी को ही गलत समझने लगे. स्थिति यह थी कि लडकी आत्महत्या करने की कोशिश करने लगी लेकिन उसको बचा लिया. यह कोई छोटी घटना नहीं है और देशभर में हर रोज ऐसी सैकड़ों घटनाएं हो रही है, जिससे लोगों की इज्जत व जान दांव पर लग रही है.
इसके अलावा एक शर्मसार करने वाले घटना सामने आई है, जिसमें देश के बडे-बडे संतो व कथावाचकों के साथ पोर्न स्टार का बात करते हुए व अश्लील हरकत करते हुए वीडियो बनाए गए हैं. इन घटनाओं से समाज में एक नकारात्मकता फैल रही और भक्तों में बहुत ही नाराजगी बढ़ रही है. इसके अलावा महोबा में शातिर दिमाग के लोगों ने एआई का दुरुपयोग कर सरकारी राजस्व को चूना लगाने में लगे थे. महोबा जिले में ऐसा ही हाई-टेक फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, पुलिस ने छापेमारी कर फर्जी रॉयल्टी कारोबार चलाने वाले गैंग के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया. जबकि 6 अन्य आरोपी अभी फरार हैं. पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने खनिज विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upmines.updsc.gov.in की हूबहू कॉपी बनाते हुए www.upmines-upsdc.gov.ink नाम से नकली पोर्टल तैयार कर लिया था. इस वेबसाइट के जरिए आरोपी ठेकेदारों और बिचौलियों को फर्जी ई-ट्रांजिट पास (रॉयल्टी प्रपत्र) उपलब्ध करा रहे थे. ऐसी घटनाओं के लिए विशेषज्ञ चिंतित तो हैं लेकिन अब तक इसका कोई हल नही निकल पाया.
बीते 9 सितंबर 2025 को अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और व्यक्तियों व प्लेटफॉर्मों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई व अन्य तरीकों से उनकी छवि, पहचान और व्यक्तित्व के दुरुपयोग से रोकने की मांग की. उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी, वकील प्रवीण आनंद और ध्रुव आनंद पेश हुए. उन्होंने दलील दी कि ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम और चेहरा उनकी अनुमति के बिना इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां तक कि उनके नाम पर कथित रूप से पैसे भी वसूले जा रहे हैं. सेठी ने अदालत को बताया कि उनकी छवि का ऑनलाइन इस्तेमाल यहां तक किया जा रहा है कि किसी की “यौन इच्छाओं की पूर्ति” हो सके, जिसे उन्होंने “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया.
ऐश्वर्या की याचिका ने भारत के मनोरंजन उद्योग में डीपफेक और एआई जनित कंटेंट से बढ़ते खतरे को उजागर किया है. ऐश्वर्या राय से पहले, बॉलीवुड के दिग्गज जैकी श्रॉफ ने मई में अदालत का रुख किया था. उनका आरोप था कि उनके नाम पर मर्चेंडाइज़ बेचना और उनके विकृत वीडियो बनाने जैसी गतिविधियां प्रथम दृष्टया, उनकी शख्सियत और पब्लिसिटी राइट्स के “अनधिकृत शोषण” के माध्यम से व्यावसायिक लाभ कमाने के प्रयास लगते हैं. अदालत ने उनके व्यक्तित्व और पब्लिसिटी अधिकारों की सुरक्षा की थी. हाल के महीनों में कई बड़े सितारों ने भी अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए इसी तरह के कदम उठाए हैं. 2023 में अनिल कपूर ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपने नाम, आवाज और मशहूर डायलॉग “झक्कास” के दुरुपयोग पर रोक का आदेश हासिल किया था. उसी समय अमिताभ बच्चन ने भी अपनी पहचान के अनधिकृत इस्तेमाल से सुरक्षा प्राप्त की थी। आज देश में
आस्था की दुनिया में प्रख्यात संत प्रेमानंद देश के बड़े संत हैं. कुछ लोगों ने उनको भी नही छोडा. उनके प्रसारित प्रवचन का कुछ लोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से दुरुपयोग कर रहे हैं. एआई की मदद से उनके प्रवचन को दूसरी भाषाओं में प्रसारित कर रहे हैं. ऐसे में श्री राधा केलिकुंज ने रविवार की शाम चेतावनी जारी कर इस तरह के अमर्यादित कृत्यों से बचने को कहा है. श्री राधा केलिकुंज ने नोटिस में कहा है कि कुछ लोग गुरुदेव श्रीहित प्रेमानंद गोविंदशरण महाराज की वाणी व उपदेशों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अन्य भाषाओं में परिवर्तित कर या मनमाने ढंग से प्रस्तुत कर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित कर रहे हैं, जो कि मर्यादा और कानून के विरुद्ध है. दरअसल, एआई का दुरुपयोग से लगातार अनैतिक गतिविधियों से खास से लेकर आम आदमी तक परेशान हो रहा है. कुछ शरारती तत्व तत्व इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों को परेशान कर रहे हैं. इससे निजता का भी हनन हो रहा है व इसके अलावा अन्य कई तरह के संकट बढ़ते जा रहे हैं. इसके लिए जल्द ही कोई ठोस नीति बनानी चाहिए चूंकि यह एक ऐसा तंत्र बन चुका है जिसकी वजह से बहुत लोगों की जीवन में परेशानी आ रही है. इसके दुरुपयोग होने पर कड़े कानून तो बनने चाहिए साथ में ऐसे भी फीचर्स होने चाहिए, जिससे कि कोई किसी की फोटो व अन्य दस्तावेजों का दुरुपयोग न कर सके. यह बेहद दुर्लभ है चूंकि इस प्रकरण में निजता की पर जो प्रहार हो रहा है उससे विशेषज्ञ भी परेशान हो रहे हैं. दरअसल हम चाहें तो किसी तकनीकी का सही प्रयोग कर बहुत हासिल कर सकते हैं लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों का डरा रहे हैं, ऐसे लोगों पर तुरंत कार्यवाही हो जिससे कोई भी ऐसा करने से डरे.

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