मुंबई. घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एटीएस की टीम ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से बांग्लादेशियों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि बनाने में मदद करनेवाले 4 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक महिला भी शामिल है.
संदिग्ध बंगाली भाषी नागरिक मुंबई, महाराष्ट्र सहित पूरे देश में बढ़ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं. ऐसा घुसपैठियों के खिलाफ जारी कार्रवाइयों से रोज ही खुलासा हो रहा है. बांग्लादेशी खुसपैठियों के कारण न सिर्फ स्थानीय हिंदुस्तानी नागरिकों का रोजगार छिन रहा है. बल्कि इससे कई इलाकों में डेमोग्राफी बदलने लगी है तथा आतंकी हमले का ख़तरा भी बढ़ने लगा है. लेकिन कुछ भारतीय नागरिक घुसपैठियों को आधार देने का काम कर रहे हैं. बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता से संबंधित दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले ऐसे 4 भारतीय नागरिकों को महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार किया है.

ठाणे में कार्रवाई से जुड़े तार
एटीएस ने हाल ही में ठाणे के जांभली नाका इलाके से समीर शब्बीर मोहंती को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा, तीन बांग्लादेशी नागरिकों-मोहम्मद इनायत मोल्ला, मोहम्मद नूर इस्लाम शेख और मोहम्मद नूर इस्लाम शेख को भी मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले की आगे की जांच में 52 वर्षीय मेहंदी हसन नन्हे मिया सिद्दीकी उर्फ राजू और 55 वर्षीय रामचंद्र साबाजी धुरी तथा खुशबू नामक एक महिला आरोपी को भी एटीएस ने गिरफ्तार किया है. सिद्दीकी और धुरी पर बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारतीय आधार, पैन कार्ड आदि बनाकर देने का आरोप है. एटीएस को शक है कि सिद्दीकी और धुरी ने इसके लिए कृत्रिम अंगुलियों के निशान तैयार किए थे तथा इस काम में खुशबू ने उनकी मदद की थी.

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