मुंबई. कल्याण में नाबालिग बच्ची की बलात्कार के बाद नृशंस हत्या के आरोप में जेल में बंद आरोपी की लाश रविवार को सुबह फंदे से लटकती मिली. मृतक की पहचान विशाल गवली के रूप में सामने आई है. जेल प्रशासन का दावा है कि विशाल ने भोर में साढ़े 3 बजे के करीब जेल के शौचालय में तौलिए से बनाए गए फांसी के फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली. इस घटना के बाद जेल प्रशासन संदेह के घेरे में आ गया है.
बता दें कि विशाल गवली करीब 3 महीने से नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद था. विशाल कल्याण के कोल्सेवाडी स्थित चक्कीनाका क्षेत्र का निवासी निवासी था. विशाल का परिवार क्षेत्र में दबंगई के लिए कुख्यात था. उसके तीन भाई शाम, नवनाथ और आकाश भी क्षेत्र के कुख्यात अपराधी हैं. आपराधिक प्रवृत्ति वाले विशाल के खिलाफ महिलाओं से छेड़छाड़, दुराचार, चोरी, हत्या के प्रयास, तड़ीपारी आदेश के उल्लंघन सहित करीब 8 मामले पहले से ही दर्ज थे.
भड़का था जबरदस्त आक्रोश
वर्ष 2024 के दिसंबर महीने में पड़ोस की एक 13 वर्षीया बच्ची दुकान पर कुछ सामान लेने जा रहा था. उस वक्त विशाल उसे बहला फुसला कर अपने घर में ले गया और वहां उसने बच्ची से बलात्कार किया. बाद में पकड़े जाने के डर से उसने बच्ची को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था.
बीवी की मदद से लाश को लगाया ठिकाने
पेशे से ऑटो रिक्शा चालक विशाल विवाहित था. उसकी पत्नी साक्षी बैंक में काम करती थी. वारदात के समय वह बैंक में थी. शाम को वह घर लौटी तो बच्ची की लाश घर में ही पड़ी थी. कुकर्म की जानकारी मिलने के बाद साक्षी ने विशाल को बचाने के मकसद से घर में लगे खून के निशान साफ करने तथा लाश को ठिकाने लगाने में उसकी मदद की. लाश को एक बैग में भरकर विशाल अपने एक दोस्त की ऑटो रिक्शा में भिवंडी की तरफ गया था. उस वक्त साक्षी भी उनके साथ थी. कल्याण भिवंडी मार्ग पर बाप गांव के पास लाश वाला बैग फेंक कर विशाल, साक्षी के साथ बुलढ़ाणा स्थित अपनी ससुराल भाग गया था. इस घटना का खुलासा होने के बाद इलाके में जबरदस्त आक्रोश भड़क गया था. जनता सड़क पर उतर आई थी. लोग विशाल और साक्षी को तुरंत फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे थे.

हुलिया बदल कर भागने के प्रयास में था विशाल
दूसरी तरफ विशाल हुलिया बदल कर कहीं दूर भागने की फिराक में था. लेकिन उसकी तस्वीरें मीडिया और सोशल मीडिया में पूरे देश में वायरल हो गई थीं. पुलिस ने उसे बुलढाणा के एक शेगांव स्थित सैलून में हजामत करवाने के दौरान दबोच लिया था. विशाल ने कत्ल के बाद हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए शस्त्र और दूसरे सबूत एक थैली में भरकर रास्ते से गुजरने के दौरान गांधारे नदी में फेंक दिया था. उसने सोचा था कि थैली बह कर कहीं दूर चली जाएगी लेकिन बदकिस्मती से वह वहीं फंसी रह गई और पुलिस के हाथ लग गई.

बीवी भी है जेल में
बच्ची से रेप और हत्या के उक्त मामले में पुलिस ने विशाल के साथ-साथ उसकी पत्नी साक्षी को भी गिरफ्तार किया था. साक्षी ने बताया कि वह विशाल की तीसरी पत्नी है. पहली दो पत्नियों को वह छोड़ चुका था. उसने लाश को ठिकाने लगाने में मदद करने के लिए साक्षी पर दबाव बनाया था. मदद नहीं करने पर उसे भी पहली दो पत्नियों की तरह छोड़ने की धमकी विशाल ने दी थी.

मौत की सजा से डर गया था विशाल
बताया जा रहा है कि सरकार ने विशाल को जल्द से जल्द और कड़ी सजा दिलाने के लिए केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्णय लिया था तथा विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम की उसके खिलाफ सरकारी वकील नियुक्त किया था. नदी से सबूत मिलने, फास्ट ट्रैक कोर्ट और उज्ज्वल निकम के खौफ के कारण विशाल तनाव में आ गया था.

परिजनों ने जताया संदेह
हालांकि विशाल के वकील और परिजन ये मानने की तैयार नहीं हैं कि उसने खुदकुशी की होगी. विशाल की बहन ने सवाल उठाया है कि लगभग 100 किलो का हट्टा कट्ठा व्यक्ति एक तौलिए के सहारे फांसी कैसे लगा सकता है? तो वहीं विशाल के वकील n इसे अक्षय शिंदे की तर्ज पर किया गया मर्डर बताया है. फिलहाल विशाल की हवस का शिकार बनी बच्ची के पिता ने इस खुदकुशी की ईश्वर का इंसाफ बताते हुए खुशी व्यक्त की है.

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