सरकार भरेगी तिजोरी
-25,000 करोड़ रुपए की होगी वसूली
मुंबई. उपमुख्यमंत्री एवं वित्त तथा योजना मंत्री अजीत पवार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा देय बकाया राशि के निपटारे के लिए गुरुवार को विधानसभा में “महाराष्ट्र कर, ब्याज, दंड या विलंब शुल्क विधेयक, 2025” पेश किया. इस विधेयक के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए सरकार ने एक विशेष अभय योजना लागू की है. यह योजना बकाया राशि के निपटारे की प्रक्रिया को तेज करेगी, जिससे राज्य के खजाने में लंबित राजस्व जमा होगा और विकास कार्यों के लिए धन उपलब्ध हो सकेगा.
अजीत पवार ने विधानसभा को बताया कि यह विधेयक केंद्र और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को राहत देने के उद्देश्य से लाया गया है. योजना के तहत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले राज्य कर विभाग द्वारा वसूले जाने वाले विभिन्न करों का समायोजन किया जाएगा. फिलहाल, केंद्र और राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों पर लगभग 25000 करोड़ रुपए की बकाया राशि लंबित है. इस बकाया की वसूली के लिए सरकार ने विशेष छूट देने का निर्णय लिया है. यह समझौता योजना विधेयक लागू होने की तिथि से 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा. इस योजना के तहत 1 अप्रैल 2005 से 30 जून 2017 की अवधि की बकाया राशि पात्र होगी. हालांकि, अविवादित करों के लिए कोई छूट नहीं दी जाएगी और ऐसे करों का 100% भुगतान अनिवार्य होगा. इस योजना को पूरी तरह पारदर्शी और ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाएगा.
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