मुंबई. महानगर में ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, ओला-उबर चालकों की उद्दंडता और मनमानी बढ़ गई है. इन यात्री वाहनों के बारे में यात्रियों की शिकायतें, जैसे कि किराया देने से इनकार करना, यात्रियों के साथ अभद्र व्यवहार, सीमा से अधिक यात्रियों को ले जाना, बिना बैज लगाए गाड़ी चलाना, अतिरिक्त किराया लेना आदि का समाधान किए जाने की मांग लगातार उठती रही है. इस पर परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक बयान में विधानसभा को बताया कि पूरे मुंबई क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए एक यात्री टोल-फ्री नंबर 1800-220-110 शुरू किया गया है ताकि गलती करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
परिवहन मंत्री सरनाईक ने कहा कि इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, मुंबई (पश्चिम), अंधेरी में एक नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम कर रहा है. यह पहली बार है जब परिवहन विभाग द्वारा नागरिकों के लिए इस तरह की सेवा शुरू की जा रही है. प्रकोष्ठ प्राप्त शिकायतों की सूचना संबंधित कार्यालय को ई-मेल के जरिएदेता है. बाद में संबंधित विभाग मामले की जांच करता है और दोषी पाए जाने पर वाहन मालिकों को नोटिस भेजी जाती है तथा दोषी वाहन चालकों की सुनवाई करके उन्हें काली सूची में डाल दिया जाता है. काली सूची में उल्लिखित वाहन चालक और वहां दंडात्मक कार्रवाई किए जाने तक काली सूची में ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. इसलिए मुंबई महानगर क्षेत्र के नागरिकों को ऑटोरिक्शा, टैक्सी, ओला-उबर, यात्री बसों आदि जैसे यात्री वाहनों के संबंध में किसी भी सहायता की आवश्यकता होने पर इस टोल-फ्री नंबर पर रिपोर्ट करना चाहिए. परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने नागरिकों से इस टोल-फ्री सेवा का लाभ उठाने और मुंबई महानगर क्षेत्र में परिवहन के संबंध में एक आसान सेवा बनाने के लिए परिवहन विभाग के साथ सहयोग करने की अपील की है.

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