बन रहें हैं सुकर्मा सहित कई शुभ योग
मुंबई. शक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है. आज (शनिवार) को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. इस पावन दिन पर सुकर्मा सहित कई शुभ संयोग बन रहे हैं. अर्थात चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने एवं उनकी कृपा प्राप्त करने का यह सुनहरा अवसर है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि है. चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है. साथ ही मां दुर्गा के निमित्त अष्टमी का व्रत रखा जाता है.
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ सुकर्मा और भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं. इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल मिलता है.

शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि रात 07 बजकर 26 मिनट तक है. इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी. चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है. साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है.

भद्रावास योग

चैत्र नवरात्र के अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग) का संयोग है. शिववास योग का संयोग सुबह 07 बजकर 44 मिनट तक है. इस योग में देवी मां दुर्गा की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी.

सुकर्मा योग
चैत्र नवरात्र के आठवें दिन दुर्लभ सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है. इस योग का संयोग रात 08 बजकर 03 मिनट से शुरू हो रहा है. सुकर्मा योग में देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी.

अभिजीत मुहूर्त

चैत्र नवरात्र के छठे दिन अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 49 मिनट तक है. इस दौरान देवी मां दुर्गा की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी.

नक्षत्र एवं करण

चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग है. इसके साथ ही गर और वणिज करण के योग बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य बव और बालव करण को शुभ मानते हैं. इन योग में जगत जननी देवी मां दुर्गा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी.

पंचांग

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

डिस्क्लेमर: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. ‘तह की बात’ इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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