मुंबई. मुंबई सहित देश भर बढ़ रही विदेशी नागरिकों खासकर बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ अब गंभीर समस्या बनने लगी है. ये घुसपैठिए फर्जीवाड़ा करके भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से भारतीय नागरिकता के प्रमाण अर्थात जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और यहां तक कि पासपोर्ट भी आसानी से हासिल करने में सफल हो रहे हैं. घुसपैठियों के कारण मुंबई के कई इलाकों डेमोग्राफी बदलने का खतरा बढ़ गया है, जो कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है. इसलिए महाराष्ट्र की महायुति सरकार अब घुसपैठ पर लगाम लगाने एवं घुसपैठियों की धर पकड़ के लिए सख्त कदम उठा रही है.
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के संदर्भ में महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकारी प्रणाली में व्याप्त खामियों का लाभ उठाकर विदेशी नागरिकों द्वारा फर्जी जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने की समस्या पर अब अंकुश लग जाएगा. जन्म और मृत्यु पंजीकरण के देरी से पंजीकरण प्रक्रिया के संदर्भ में ठोस निर्णय ले लिया गया है. सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में जीआर (सरकारी निर्णय) भी जारी कर दिया है और यह जीआर पूरे महाराष्ट्र में बुधवार से ही लागू भी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इन प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिए स्तरीय चरण निर्धारित किए गए हैं. 17 मुद्दों की पूर्तता के बाद ही पर प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. हालांकि, यदि आवेदक द्वारा संलग्न दस्तावेज (साक्ष्य) फर्जी पाए जाते हैं, तो तत्काल आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
अधिनियम में संशोधन
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण में पारदर्शिता आए तथा खामी व फर्जीवाड़ा पर लगाम लगाने के लिए जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है. तदनुसार, अब जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र तीव्र गति से प्राप्त किए जा सकेंगे तथा गलत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाने पर सीधी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी. स्कूल में प्रवेश, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन रिकॉर्ड, अन्य शैक्षिक मामलों आदि के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र आवश्यक हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिकों को समय पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त हों, राजस्व विभाग के 21 जनवरी, 2025 के आदेश के अनुसार जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में देरी पर लगी रोक हटा दी गई है. विलंब से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, शिथिलता एवं फर्जी प्रमाण-पत्रों के वितरण की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 एवं संशोधन अधिनियम, 2023 के अंतर्गत विलंब से जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया के संबंध में लोक स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सरकारी निर्णय द्वारा व्यापक प्रक्रिया तय की गई है. ऐसे मामलों में जहां जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के बारे में सूचना एक वर्ष से अधिक की अवधि के बाद प्राप्त होती है, उस स्थान पर जहां ऐसे व्यक्ति का जन्म और मृत्यु हुई थी, प्राधिकृत मजिस्ट्रेट सूचना की सटीकता सुनिश्चित करेगा और विलंब शुल्क लगाएगा, जिससे कई कानूनी आवश्यकताएं पूरी होंगी. ऐसे रिकॉर्ड लेने के लिए एक बेहतर प्रावधान किया गया है.
फर्जी प्रमाण पत्रों से संबंधित शिकायत
सरकार को विदेशी नागरिकों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र वितरित किए जाने के संबंध में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थीं. उन शिकायतों के जवाब में गृह विभाग द्वारा विशेष पुलिस महानिरीक्षक, नासिक रेंज, नासिक की अध्यक्षता में एक “विशेष जांच समिति (एसआईटी)” का गठन किया गया है. इसके अलावा, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र देरी से जारी करने के संबंध में सरकार को प्राप्त शिकायतों के जवाब में राजस्व विभाग ने दिनांक 15.03.2014 की अधिसूचना जारी की है. उपरोक्त संशोधन के अनुसार विलंब से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर दिनांक 21 जनवरी, 2025 के आदेश द्वारा रोक लगा दी गई.
कोट
जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं और इनका भी दुरुपयोग किया जाता था. इसे रोकने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया है. अब कोई भी इसका दुरुपयोग नहीं कर सकेगा. यदि आप ऐसा करेंगे तो आप पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
– चंद्रशेखर बावनकुले, राजस्व मंत्री