मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत शुरू की गई विकास परियोजनाओं की बुधवार को समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वित्त आयोग से प्राप्त एक भी रुपया अप्रयुक्त नहीं रहना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री अजीत ने आज मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्रारंभ की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को सभी परियोजनाओं को समयसीमा के भीतर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के लिए सख्त निर्देश दिए. पवार ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से राज्य को पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है. सभी योजनाएं आगामी 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं. सभी विभाग एक-दूसरे के साथ समन्वय करें और यह सुनिश्चित करें कि वित्त आयोग से प्राप्त पूरी राशि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत से पहले व्यय की जाए और एक भी रुपया वापस न लौटे. पवार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इन सभी योजनाओं को समय पर पूरा करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी, लेकिन परियोजनाओं में देरी या गुणवत्ता में कमी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस बैठक की अध्यक्षता अजित पवार ने की, जिसमें वित्त, नियोजन, नगर विकास, पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, वन, और सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में चर्चा किए गए प्रमुख प्रोजेक्ट्स:

  1. सेवानिवृत्त INS गुलदार जहाज का उपयोग करते हुए सिंधुदुर्ग के पास समुद्र में कृत्रिम प्रवाल भित्तियों का निर्माण, विश्वस्तरीय स्कूबा डाइविंग, पनडुब्बी पर्यटन, और पानी के नीचे म्यूज़ियम की योजना
  2. नवी मुंबई के उलवे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास यूनिटी मॉल का निर्माण
  3. नासिक में राम-काल-पथ का विकास
  4. ठाणे, नागपुर, नवी मुंबई, छत्रपति संभाजीनगर, पिंपरी-चिंचवड़, कल्याण-डोंबिवली और सोलापुर में कार्यरत महिलाओं के लिए छात्रावास
  5. नगर विकास, ग्राम विकास, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं
  6. सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
  7. वन और वन्यजीव प्रबंधन
  8. रेवस-रेडी समुद्री राजमार्ग का विकास
  9. पुलिस कर्मचारियों के लिए आवास योजनाएं
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