मुंबई. विधान परिषद में उप सभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने सुझाव दिया कि यदि प्रदेश के चैरिटी अस्पतालों में तकनीक का उपयोग करते हुए जिलेवार डैशबोर्ड और एप बनाए जाएं तो मरीजों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं.
विधायक इदरीस नाईकवाडी द्वारा धर्मार्थ अस्पतालों में रिक्त सीटों तथा अस्पताल के अत्यधिक बिलों के संबंध में उठाए गए मुद्दे पर खड़े किए गए विधायक भाई जगताप तथा विधायक सुनील शिंदे के सवालों का जवाब देते हुए लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने आश्वासन दिया कि सरकारी सीटों तथा सरकारी योजना का लाभ लेने वाले अस्पतालों पर नियंत्रण करने के लिए समिति गठित करेगी.
दिया कोविड काल का उदाहरण
इसी दौरान उप सभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने याद दिलाया कि कोविड काल के दौरान सभी जिलों में समितियों का गठन किया गया था तथा डैशबोर्ड बनाए गए थे. इससे सिविल सर्जन को यह पता चल जाता था कि किस अस्पताल में कितने बेड उपलब्ध हैं. इससे मरीजों को तुरंत भर्ती कर इलाज करने में मदद मिली. उन्होंने सुझाव दिया गया कि यदि उसी तकनीक का उपयोग करके जिलावार डैशबोर्ड और ऐप बनाया जाएं तो मरीजों के परिजनों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री हर महीने हर जिले का दौरा नहीं कर सकते, लेकिन यदि छह महीने में एक बार जिलेवार ऑनलाइन बैठक आयोजित की जाए, तो चैरिटी अस्पतालों में खाली बिस्तरों की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी और अत्यधिक बिलों के कारण होने वाले विवादों को रोका जा सकेगा.
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