मुंबई. अंडरवर्ल्ड में नाना के नाम से कुख्यात माफिया डॉन छोटा राजन को हत्या के एक मामले में बड़ी राहत मिली है. मुंबई की एक विशेष अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम कासकर की ‘डी’ कंपनी से जुड़े एक शख्स के मर्डर मामले में नाना की सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
बता दें कि 17 मई 2011को दक्षिण मुंबई में हुए एक गैंगवॉर में दो लोगों ने दाऊद इब्राहिम कासकर के भाई इकबाल कासकर को निशाना बनाने का प्रयास किया था. उस शूटआउट में इकबाल के ड्राइवर व अंगरक्षक के रूप में काम करने वाले आरिफ अबुनाकर सैय्यद की मौत हो गई थी. पुलिस की जांच में उस शूटआउट का नाना के गैंग से कनेक्शन सामने आया था. मामले में पुलिस ने नाना व अन्य के खिलाफ आईपीसी सहित, मकोका और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था.
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुई पेशी
सोमवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत निर्दिष्ट विशेष न्यायाधीश ए.एम. पाटिल की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पुलिस ने छोटा राजन को अदालत में पेश किया. मामले में अदालत ने बरी कर दिया. न्यायाधीश ने कहा कि यदि किसी अन्य मामले में गिरफ्तारी जरूरी न हो तो राजन को तुरंत रिहा किया जाए.

जेल में ही रहेगा राजन
हालांकि, कोर्ट के उपरोक्त आदेश के बाद भी राजन को जेल में ही रहना पड़ेगा. क्योंकि दैनिक मिड डे के पत्रकार ज्योतिर्मय डे उर्फ जेडे की हत्या के मामले कोर्ट से राजन को पहले ही उम्रकैद की सजा मिली हुई है और वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

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