मुंबई. भारत में आईफोन के सस्ता होने की उम्मीद कर रहे भारतीय नागरिकों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़ा झटका देने की कोशिश कर रहे हैं. भारत में आईफोन के निर्माण की तैयारी कर रही एप्पल कंपनी के सीईओ को राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में ही आईफोन का निर्माण बढ़ाने का निर्देश दिया है. ट्रंप अमेरिकी कंपनी एप्पल के सीईओ से कहा है कि भारत में आईफोन के निर्माण की कोई जरूरत नहीं है. भारत अपना देख लेगा.
ट्रंप ने कतर में कहा कि मुझे नहीं लगता कि कुक को भारत में निर्माण बढ़ा चाहिए. ट्रंप ने कहा कि कुक के प्रति मैं थोड़ा नाराज हूं. वे पूरे भारत में उत्पादन कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि उन्हें भारत में निर्माण करना चाहिए. बल्कि उन्हें अमेरिका में निर्माण बढ़ाना चाहिए.

एप्पल छोड़ना चाहता है चीन
एप्पल अपने अधिकांश उत्पादों का निर्माण चीन में करती है. लेकिन कोरोना काल के बाद से एप्पल चीन से निकलने की कोशिश कर रहा है. भारत में, आईफ़ोन को फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप और टाटा समूह द्वारा संचालित संयंत्रों में असेंबल किया जाता है. कंपनी की असेंबली लाइनों ने पिछले वित्त वर्ष के 12 महीनों में 22 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन बनाए. कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में भारत में 60 प्रतिशत अधिक आई फ़ोन का उत्पादन किया है.

तिलमिलाए हुए हैं ट्रंप
अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान आक्रामक टैरिफ नीति से वैश्विक बाजारों में हलचल मचाने वाले ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि भारत अपने देश में अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ (आयात शुल्क) लगाता है. इसलिए उन्होंने भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में भी उसी अनुपात में टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. लेकिन बाद उन्होंने खुद कहा था कि भारत ने अमेरिका को 0 टैरिफ का ऑफर दिया है. अर्थात भारत अमरीकी उत्पादों पर अपने देश में कोई कर नहीं लगाएगा. हालांकि बाद में ट्रंप ने नाराजगी भी जाहिर की थी क्योंकि इस पूरे प्रकरण पर भारत की ओर से सार्वजनिक तौर कोई बयान जारी नहीं किया गया था. भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई जंग ट्रंप की नाराजगी की दूसरी वजह है. लगभग 4 दिनों तक चली उस जंग में बाद में सीजफायर हो गया था. ट्रंप ने सीजफायर का श्रेय लेने का प्रयास किया था लेकिन भारत ने उनके दावों को खारिज करके उनके मंसूबों को खारिज कर दिया. इतना ही नहीं बल्कि कश्मीर मसले के समाधान के लिए मध्यस्थता के ऑफर के लिए भी भारत ने ट्रंप को खरी-खरी सुना दिया.

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