मुंबई. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि सरकार बुधवार को संपन्न हुए बजट सत्र में किसानों और आम जनता की समस्याओं के समाधान में विफल रही. सत्र के दौरान सरकार प्राथमिक मुद्दों पर चर्चा करने से लगातार भागती रही.
दानवे ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर किसी नीति की सरकार ने बात नहीं की. परभणी में युवक की मौत मामले में मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद भी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. सिंचाई के अभाव और कपास, सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने की वजह से बढ़ रही किसानों की आत्महत्याओं पर सरकार ने कोई भूमिका पेश नहीं की. छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले प्रशांत कोराटकर और सोलापुरकर के खिलाफ सरकार ने एक शब्द भी नहीं बोला.
विपक्ष की भूमिका में सरकार
दानवे ने कहा कि सरकार ने इस सत्र के दौरान विपक्षी दल की भूमिका निभाई जबकि उसके पास पूर्ण बहुमत था. दानवे ने सत्तारूढ़ विधायकों पर वेल में घुसकर बहस से भागने, विपक्ष को बोलने नहीं देने का भी आरोप लगाया और सरकार के प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त किया. सरकार ने चुनाव के दौरान झूठे वादों का सहारा लिया. विपक्षी दलों ने सरकार के विभिन्न विभागों में हुए घोटालों पर आवाज उठाई लेकिन सरकार ने उनका साथ दिया.

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