मुंबई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि जिन देशों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र पूरी तरह से उन्नत हो गए हैं, वही देश आज विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सके हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत को भी वर्ष 2047 तक सभी क्षेत्रों में एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को भी मजबूत करना होगा. इसलिए बैंकों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में उद्यमियों को वित्त प्रदान करते रहना चाहिए, ऐसा आग्रह केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया.
होटल आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल में आयोजित प्रतिष्ठित अखबार समूह इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम ‘इंडियाज बेस्ट बैंक्स’ पुरस्कार समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, इंडियन एक्सप्रेस मीडिया ग्रुप के प्रबंध निदेशक विवेक गोयनका, संपादक श्यामल मजूमदार, कार्यकारी संपादक ऋषिराज आदि उपस्थित थे. इस मौके पर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र में कई नीतिगत सुधार किए हैं. इन सुधारों के परिणामस्वरूप भारत छह से सात प्रतिशत की विकास दर बनाए रखने में सफल रहा है. देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया ‘विकसित और विकासशील’ ऐसे दो खेमों में बंट गई है. विकसित देश अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं और विकासशील देश कर्ज में डूबे हुए हैं. लेकिन फिर भी भारत कल्याणकारी योजनाओं, राजकोषीय सुधारों और मजबूत नेतृत्व के साथ विकास की कहानी को आगे बढ़ा रहा है.
56 करोड़ बैंक अकाउंट खोले
शाह ने कहा कि भारत में पिछले 10 वर्षों में 56 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं. इससे 44 लाख करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खातों में वितरित किया जा रहा है. हर गांव और हर ग्रामीण को बैंक से जोड़ा गया है. इससे बैंकों पर से ऋण के बोझ को कम करने और एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) को 2.5% पर सीमित रखने में मदद मिल रही है. बैंकिंग प्रौद्योगिकी में सुधार के लिए चार ‘आर’ पर काम किया गया है केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि इनमें रिकॉग्नाइज, रिकवरी, रीकैपेबिलिटीज और रिफॉर्म शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बैंकों को अतीत में किए गए वित्तीय सुधारों का अध्ययन करना चाहिए और अगर वे भविष्य में भी कोई सुधार करना चाहते हैं तो सरकार को सुझाव देना चाहिए हाल ही में केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में संशोधन किया है. यह किसी भी बिक्री कर में अब तक की सबसे बड़ी कमी है. वित्तीय अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है. इसके अलावा, बैंकिंग सेवाओं को कानूनों में बदलाव करके अधिक जन-उन्मुख बनाया गया है.
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