मुंबई. इंदौर के राजा रघुवंशी की मेघालय में नृशंस हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. राजा का कत्ल उसकी नवविवाहिता पत्नी सोनम ने ही करवाया था. पुलिस की जांच में पता चला है कि सोनम ने राज के कत्ल की साजिश शादी से 8 दिन पहले ही रच ली थी. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को मध्य प्रदेश से तो वहीं सोनम को यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार किया है.
सोनम से राजा की शादी 11 मई को हुई थी. शादी के बाद राजा ने हनीमून के लिए वैष्णो देवी जाने की योजना बनाई थी. लेकिन सोनम की जिद के कारण उसे अपना प्लान बदलना पड़ा. सोनम उसे आसाम के कामाख्या देवी मंदिर ले गई. 19 मई को दोनों इंदौर से कामाख्या के लिए रवाना हुए थे. कामाख्या देवी के दर्शन के बाद दोनों हनीमून मनाने के लिए 22 मई को मेघालय के शिलांग पहुंचे थे. उन्होंने शिलांग के खासी हिल क्षेत्र में एक होमस्टे में चेक-इन किया था. इस दौरान उन्होंने रात का खाना वहीं खाया लेकिन 23 मई को भोर में नाश्ता किए बगैर ही चेकआउट कर लिया. वहां के सोहरा इलाके से राजा ने अपनी मां को कॉल किया था. तब सोनम से भी उनकी बात हुई थी. लेकिन उसके बाद दोनों रहस्यमई ढंग से लापता हो गए थे. जब दो दिनों तक सोनम और राजा से संपर्क नहीं हुआ तो 26 जून को राजा और सोनम के परिजन सोहरा पहुंच गए. वहां उन्होंने सोनम और राजा को ढूंढने का हर संभव प्रयास किया लेकिन लगभग एक सप्ताह तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला. इसके बावजूद परिजनों ने हार नहीं मानी. 2 जून को पता चला कि राजा का कत्ल हो गया है. राजा का शव सोहरा के वेई सॉवडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई से बरामद हुआ था. वहां पुलिस को पहले वह स्कूटी मिली थी, जिसे राज और सोनम ने घूमने के लिए किराए पर लिया था.

चाकू से मिला पहला सुराग
राजा की लाश लेकर उसके भाई व अन्य परिजन 4 जून को इंदौर चले आए लेकिन सोनम लापता ही रही. लिहाजा सोनम का उसे ढूंढने के लिए सोहरा में ही बना रहा. इस दौरान सोनम की गुमशुदगी को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं. कहा जा रहा था कि सोहरा में सक्रिय बांग्लादेशी मानव तस्कर गिरोह ने राजा को मौत के घाट उतार दिया और सोनम को बांग्लादेश उठा ले गए होंगे. बहुचर्चित राजा रघुवंशी मर्डर केस में आशंकाओं के कारण पूरे देश की मीडिया का दबाव मेघालय पुलिस पर बढ़ने लगा था. देश में मेघालय की छवि खराब हो रही थी और वहां का पर्यटन व्यवसाय भी खतरे में पड़ने लगा था. इसे बचाना मेघालय पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी. पुलिस ने गंभीरता पूर्वक जांच शुरू की. पुलिस पहला सुराग उस चाकू से मिला, जिसे कातिलों ने राजा के कत्ल के लिए इस्तेमाल किया था. आरोपी चाकू राजा की लाश के पास फेंक कर फरार हो गए थे. कत्ल के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू जैसा शस्त्र मेघालय में नहीं मिलता है. इसलिए पुलिस ने यह मान लिया कि कातिल बाहर से आए थे और वो चाकू अपने साथ लाए थे.

मोबाइल टावर ने खोला कच्चा चिट्ठा
पुलिस को दूसरा सुराग राजा को सोहरा तक पहुंचाने वाले टूरिस्ट गाइड से मिला. गाइड ने पुलिस को बताया कि उसने राजा और सोनम के साथ तीन और युवकों को देखा था. इसके अलावा एक सीसीटीवी फुटेज में सोनम बार-बार राजा से दूर जाकर किसी को कॉल करने का प्रयास करती दिखी. इसलिए मेघालय पुलिस ने शिलांग के मावलखियाट गांव, नोंग्रियाट गांव स्थित गोल्डन पाईस ढाबा, सोहरा और खासी हिल क्षेत्र के तमाम टेलीफोन टावरों का डम डाटा निकलवाया. राजा और सोनम उपरोक्त सभी जगहों पर गए और कुछ देर रुके थे. डम डाटा से पुलिस को पता चला कि उन सभी टावरों की रेंज में सोनम व राजा के अलावा मध्य प्रदेश के तीन और मोबाइल फोन उसी दौरान सक्रिय थे. इससे पुलिस ने ये मान लिया कि राजा के कातिल एमपी से ही आए थे. इसके बाद पुलिस सोनम को भी संदिग्ध मान कर जांच करने लगी. पुलिस ने सोनम के साथ-साथ सोहरा में उसकी तलाश कर रहे उसके भाई और अन्य परिजनों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर डाल दिए.

कॉल डिटेल से सोनम हुई बेनकाब
सोनम और तीन संदिग्धों की (सीडीआर) कॉल डिटेल से पुलिस को पता चला कि शिलांग आने के बाद सोनम इंदौर में एक मोबाइल नंबर से बार-बार संपर्क कर रही थी और उस मोबाइल नंबर अपनी लोकेशन भी लगातार भेज रही थी. बाद में इंदौर के उस नंबर से सोनम की लोकेशन शिलांग में सोनम का पीछा कर रहे तीन संदिग्धों में से एक के मोबाइल नंबर पर भेजी जा रही थी. मेघालय पुलिस ने शिलांग में मिले एमपी के तीन संदिग्ध मोबाइल नंबर के साथ-साथ इंदौर के उस शख्स का मोबाइल नंबर भी एमपी पुलिस को भेज दिया, जिसे सोनम अपनी लोकेशन भेज रही थी.

सामने आया लव का लफड़ा
मेघालय पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर एमपी पुलिस ने पहले उस शख्स को गिरफ्तार किया जिसे सोनम अपनी लोकेशन भेज रही थी. उसका नाम राज कुशवाहा था और वह प्लाईवुड का कारोबार करनेवाले सोनम के भाई का मैनेजर था. पता चला कि सोनम अपने भाई के कारोबार में हाथ बंटाती थी. उसी दौरान उम्र में 4 साल छोटे राज से उसे इश्क हो गया था. लेकिन परिजनों के दबाव में उसे राजा से शादी करनी पड़ी थी. लेकिन राजा से शादी के बाद भी सोनम, राज को भूल नहीं पाई थी. इसलिए शादी के सात दिन बाद राज से मिलकर उसने राजा को ठिकाने लगाने का अपना इरादा साफ कर दिया था. दोनों ने मिल कर राजा के कत्ल की खतरनाक साजिश रची थी लेकिन लंबी खामोशी के बाद आई शिलांग पुलिस की सुनामी में सोनम और राज के साजिशों का महल रेत के महल की तरह ढल गया. शिलांग पुलिस से मिले इनपुट के बाद इंदौर पुलिस ने 8 जून को राज कुशवाहा के अलावा आकाश राजपूत और विशाल उर्फ विक्की ठाकुर नामक दो सुपारी किलरों को इंदौर से गिरफ्तार किया बाद में आकाश और विक्की की निशानदेही पर आनंद कुर्मी नामक तीसरे सुपारी किलर को एमपी के सागर जिले से दबोच लिया. सुपारी किलरों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने राजा के कत्ल के लिए असम के गुवाहाटी से एक बेहद धारदार चाकू खरीदा था.
नेपाल भागने का था प्लान
सोनम और राज ने मामला शांत होने के बाद नेपाल भागने और वहीं बस जाने की योजना बनाई थी. इसलिए प्लान के तहत सोनम लापता बनी रही जबकि इंदौर में रह कर पूरे प्लान को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाने वाला राज ऐसा बर्ताव करता रहा मानों इस सनसनीखेज हत्याकांड से उसका कोई संबंध ही न हो. वह सोनम के परिवार के साथ राजा के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था. तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि राज किसी भी तरह से राजा के कत्ल की साजिश का मुख्य मास्टरमाइंड है. लेकिन राज की गिरफ्तारी से नेपाल भागने की उम्मीद में यूपी के गाजीपुर में छिपी सोनम टूट गई. सोनम आधी रात को गाजीपुर के एक ढाबे पर पहुंची और उसने ढाबा मालिक से मोबाइल मांग कर अपने भाई को फोन किया, जो कि उसे ढूंढने के लिए सोहरा में रुका हुआ था. शिलांग पुलिस ने सोनम के भाई का मोबाइल फोन सर्विलांस पर डाल रखा था, इसलिए पुलिस को सोनम की गाजीपुर की लोकेशन पता चल गई. शिलांग पुलिस ने तुरंत गाजीपुर पुलिस से संपर्क किया और गाजीपुर पुलिस तत्परता दिखाते हुए उस ढाबे पर पहुंच गई, जहां से सोनम ने फोन किया था. पुलिस ने सोनम को दबोच कर राजा रघुवंशी मर्डर मिस्ट्री का पटाक्षेप कर दिया. इस मामले में शिलांग पुलिस व्यक्तिगत रंजिश, प्रेम-त्रिकोण, वित्तीय धोखाधडी सहित कई अन्य कोनों से कत्ल के ‘मोटिव’ की जांच कर रही है.

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