मुंबई. मुंबईकरों की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें मुंबईकरों के लिए डेथ लाइन साबित होने लगी है. लोकल से सफर के दौरान प्रतिदिन औसतन 15 से 20 लोग हादसों का शिकार होते हैं इनमें से लगभग आधे यानी 8 से 10 लोगों की मौत हो जाती है. यात्रियों की लापरवाही के अलावा सीमित संसाधनों में चलने वाली उपनगरीय लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ हादसों की एक बड़ी वजह बन रही है. भीड़ और कुछ तकनीकी खामियों के कारण मध्य रेलवे की उपनगरीय ट्रेनों में सोमवार को हुई घटना ने पूरे देश को दहला दिया.
मध्य रेलवे की उपनगरीय ट्रेनों में सोमवार को एक सनसनीखेज घटना घटित हुई. सुबह 9.20 बजे के दौरान मुंब्रा स्टेशन के पास घटित हुई घटना में कुल 13 यात्री हादसा ग्रस्त हो गए इनमें से 8 यात्री लोकल ट्रेन से नीचे गिर गए. नीचे गिरे 8 में से 4 यात्रियों को डॉक्टरों ने अस्पताल में मृत घोषित कर दिया.
तीखे मोड पर हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि मुंब्रा स्टेशन के पास तेज लोकल लाइन पर बेहद तीखा घुमाव है. भीड़ के वक्त ट्रेन की फुटबोर्ड (दरवाजे) पर खड़े यात्रा करने को मजबूर यात्रियों का उस घुमाव वाले स्पॉट पर तेज रफ्तार के कारण अक्सर संतुलन बिगड़ जाता है और वे ट्रेन से नीचे गिर जाते हैं. सोमवार को भी इसी तरह की घटना में 8 लोग ट्रेन से नीचे गिर गए थे, जिनमें से 4 यात्रियों को अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.
दूसरी लोकल के यात्रियों का लगा धक्का
मध्य रेलवे में कई स्टेशनों के पास दो पटरियों के बीच बहुत ही कम अंतर है. ट्रेनों के गेट पर लापरवाही से खड़े रह कर सफर करने वाले यात्रियों को बगल से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों का धक्का लगने आशंका हमेशा बनी रहती है. मुंब्रा स्टेशन के पास के तीखे घुमाव वाला स्पॉट भी एक ऐसा ही खतरनाक स्पॉट है. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और ठाणे की तरफ जाने वाली तेज रफ्तार ट्रेनों की पटरियों के बीच का अंतर बेहद कम है. सोमवार को घटित हुई घटना के बारे में भी ऐसा कहा जा रहा है कि सीएसएमटी की तरफ जा रही तेज लोकल के यात्रियों को मुंब्रा स्टेशन के पास के खतरनाक स्पॉट पर ठाणे की तरफ जा रही तेज लोकल के यात्रियों का धक्का लगा था. सीएसएमटी लोकल में भी अधिक थी. इसलिए 8 यात्री नीचे गिर गए जबकि गेट पर खड़े 5 और यात्री भी घायल हो गए थे.
ये है मृतकों एवं घायलों का विवरण
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और ठाणे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कॉन्स्टेबल विक्की मुखियाद के रूप में सामने आई है. जबकि घायलों के नाम शिवा गवली, आदेश भोईर, रिहान शेख, अनिल मोरे, तुषार भगत, मनीष सरोज, मच्छिंद्र गोतारणे, स्नेहा धोंडे, प्रियंका भाटिया बताए जा रहे हैं.
रेलवे ने रखा अपना पक्ष
इस बीच, मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है. हादसे के सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. लेकिन सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और उस लोकल में सवार अन्य यात्रियों से भी संपर्क करके जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. नीला ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वास्तव में क्या हुआ था?
अब जागी रेलवे
भीड़ के कारण लोकल से यात्रियों के गिरने की समस्या अब आम हो गई है. अपनी और अपने परिवार की रोजी रोटी के लिए जान हथेली पर लेकर लोकल में सफर करना मुंबईकरों की नियति बन गया है. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने 2024 लोकल के दरवाजे बंद करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. लेकिन मुंब्रा में सोमवार को हुए हादसे के बाद रेलवे की इसकी सुध आई है. मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी नीला ने कहा है कि जल्द ही सभी लोकल ट्रेनों में स्वचालित शटर की रेट्रो प्रणाली लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मुंबई उपनगर के लिए 238 एसी लोकल आने वाली हैं.
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए
महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने मुंब्रा ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 – 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है. साथ ही सभी घायलों का चिकित्सा खर्च भी सरकार उठाएगी.