नवी मुंबई. देश के सबसे बड़े कंटेनर टर्मिनल जेएन पोर्ट–पीएसए (मुंबई टर्मिनल (बीएमसीटी) फेज-2) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेन्स वोंग ने गुरुवार को नयी दिल्ली के हैदराबाद हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया. इस मौके पर रायगढ़ जिले के उरण स्थित जेएन पोर्ट–पीएसए मुंबई टर्मिनल (बीएमसीटी) फेज-2 में आयोजित समारोह में उपस्थित
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दृढ़ विश्वास के साथ कहा कि भारत को सागरी आर्थिक महाशक्ति बनाने में महाराष्ट्र की भूमिका अहम होगी. उन्होंने कहा कि सागरमाला जैसे प्रकल्पों के माध्यम से देश के समुद्री व्यापारिक ढांचे में नया अध्याय शुरू हुआ है और जेएन पोर्ट अब देश का सबसे बड़ा कंटेनर हैंडलिंग हब बन गया है. समारोह में केंद्रीय पोत, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे. सांसद श्रीरंग बारणे, पूर्व सांसद रामशेठ ठाकुर, विधायक महेश बालदी, प्रशांत ठाकुर, पराग शहा, मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त विमलकुमार श्रीवास्तव, जेएनपीए अध्यक्ष उमेश वाघ उपस्थित थे.
“सागरी आर्थिक क्षेत्र में महाराष्ट्र देश का नेतृत्व करेगा”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि देश की बंदरगाह बुनियादी ढांचा विकास नीति के कारण पिछले दस वर्षों में हमने सागरी अर्थव्यवस्था में बड़े परिवर्तन देखे हैं. आने वाले समय में वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. महाराष्ट्र इस क्षेत्र में देश की सागरी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाते हुए नेतृत्व करेगा.
उन्होंने कहा कि जेएनपीए और पीएसए इंडिया के सहयोग से यह टर्मिनल देश का सबसे बड़ा कंटेनर हैंडलिंग केंद्र बन गया है. वाढ़वन बंदरगाह के शुरू होने से जेएनपीए विश्व के शीर्ष दस बंदरगाहों में स्थान पाएगा. भारत और सिंगापुर के बीच हुए समझौता ज्ञापनों (एमओयूएस) से द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत होंगे. मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस टर्मिनल से महाराष्ट्र ने एक बार फिर देश की बंदरगाह क्षमता में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है और राज्य वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा.
केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने केंद्र सरकार की समुद्री विकास नीति की विस्तृत जानकारी दी, वहीं जेएनपीए प्रमुख उमेश वाघ ने टर्मिनल विस्तार का विवरण प्रस्तुत किया.
सबसे व्यापक मल्टीमॉडल नेटवर्क
सीएम फडणवीस ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित भारत का पहला कंटेनर टर्मिनल
पीएसए इंटरनेशनल द्वारा संचालित यह टर्मिनल 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित है और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर (डीएफसी) के अनुरूप भारत का पहला कंटेनर टर्मिनल है. फेज-2 विस्तार से इसकी वार्षिक क्षमता 2.4 मिलियन टीईयू से दोगुनी होकर 4.8 मिलियन टीईयू हो गई है. घाट की लंबाई 2000 मीटर तक बढ़ी है और इसमें 24 घाट क्रेन तथा 72 रबर-टायर्ड गैंट्री क्रेन (आरटीजी) शामिल हैं.
बीएमसीटी अब सड़क और रेलमार्ग से 63 से अधिक इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) से जुड़ा हुआ है, जिससे यह भारत का सबसे व्यापक मल्टीमॉडल नेटवर्क बन गया है. इस टर्मिनल से महाराष्ट्र के लॉजिस्टिक्स और व्यापार क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी.
गेम चेंजर विस्तार
उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इस विस्तार को “गेम-चेंजर” बताया है. अत्याधुनिक उपकरणों और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ, पीएसए मुंबई भारत के सागरी विकास का अग्रणी केंद्र बनने के लिए तैयार है और भारत वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका और मजबूत करेगा.