मुंबई. नशीले जहर का कारोबार मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में महामारी की तरह फैल रहा है. कम समय में आसानी से ज्यादा पैसा कमाने के लालच में लोग ड्रग्स तस्करी और विक्री के जरिए देश के भविष्य कहे जाने वाली युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में धकेलने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महायुति सरकार ने ड्रग्स तस्करी, विक्री जैसे राष्ट्रद्रोह में संलिप्त लोगों पर बड़ा प्रहार करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने बुधवार को विधानपरिषद में कहा कि सरकार मादक पदार्थ विरोधी नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. एनडीपीएस कानून के तहत गिरफ्तार आरोपी एक बार जमानत पर छूटने के बाद फिर से ड्रग्स से संबंधित अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसा प्रावधान इस अधिवेशन में किया जाएगा.
एमएलसी डॉ. परिणय फुके और एकनाथ खड़से द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक पुलिस थाने में एक अलग एनडीपीएस इकाई स्थापित की गई है. जिला स्तर पर समन्वय समितियां भी काम कर रही हैं. पिछले ढाई वर्षों में मादक पदार्थ विरोधी अभियान में भारी कार्रवाई की गई है. केंद्र सरकार के सहयोग ने अंतरराज्यीय समन्वय को और अधिक प्रभावी बना दिया है. राज्यों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने से तस्करों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सकी है. नशामुक्ति केंद्रों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने की सरकार की नीति है और गुणवत्तापूर्ण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. भांग की खेती के बारे में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश सहित कहीं और भांग की खेती वैध नहीं है. गुटका, गांजा या इसी तरह के पदार्थों की तस्करी के मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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