मुंबई. मालाड, कांदिवली, बोरीवली और दिंडोसी इलाकों में शातिराना अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले एक बड़े चोर को मालाड पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए महिला का वेश बदल कर चोरी की वारदातों को अंजाम देता था. उसने चोरी के पैसों से लाखों रुपए की जमीन खरीद ली है.
17 मार्च 2025 को मालाड पुलिस की हद में स्थित एक इमारत में हुई चोरी के मामले में मालाड पुलिस ने रंजीत सिंह नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है. 44 वर्षीय रंजीत मूलरूप से बिहार का निवासी है और वह मालाड पश्चिम स्थित मालवणी इलाके में किराए के फ्लैट में रहता था.
मुंबई में फ्लैट खरीदने की तैयारी
पुलिस को आरोपी के बैंक अकाउंट में 13 लाख रुपए मिले तो वहीं उसके किराए के मकान से 37 लाख रुपए के रत्न जड़ित सोने चांदी के आभूषण भी बरामद हुए हैं. इतना ही नहीं उसने बिहार में एक प्लॉट खरीदने के लिए अपनी पत्नी को 10 लाख रुपए दिए हैं तो वहीं मालाड में एक फ्लैट खरीदने के लिए उसने 6 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान भी कर रखा है.
ऐसे आया रडार पर
मालाड में चोरी की वारदात की जांच कर रही पुलिस की टीम को घटनास्थल के मुख्य प्रवेश द्वार के सीसीटीवी फुटेजों में सिर्फ एक महिला फुटपाथ के पास बुर्के में नजर आई. इसके अलावा इमारत के अंदर कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई. पुलिस ने रहस्यमय चोर के बारे में जानने के लिए आसपास क्षेत्र में घटित चोरी की अन्य घटनाओं की जानकारी जुटाई तो पता चला कि पिछले करीब तीन महीनों में ऐसी दर्जन भर से अधिक घटनाएं दर्ज हुई थीं. इन सभी वारदातों में एक बात सामान्य थी, वो यह कि ज्यादातर घटनाओं में टारगेट बनाई गई इमारतें रेल पटरियों से सटी हुई थीं. इसके बाद पुलिस उन इमारतों से सटी रेल पटरियों के आसपास के करीब 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला. पुलिस को कई वारदातों में घटना से ठीक पहले भिखारी जैसी वेशभूषा वाला एक शख्स पटरियों की ओर जाता नजर आया. इस तरह कुछ वारदातों में उसी बुर्का धारी महिला की भी फुटेज मिली. तो कुछ में एक शख्स हुंडी पहने सर को और चेहरे को मास्क से ढका हुआ नजर आया. इसके बाद पुलिस ने तांत्रिक जानकारियों का विश्लेषण किया और सीसीटीवी फुटेजों के सहारे आरोपी के घर तक पहुंच गई.
स्टेशनों के आसपास करता था चोरी
रंजीत से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के बाद जांच अधिकारी सैन रह गए. रंजीत ने बताया कि वह दिन में रेकी करता था और आधी रात के बाद (ज्यादातर भोर के वक्त) चोरी की वारदातों को अंजाम देता था. वह रेलवे स्टेशनों खासकर रेल पटरियों के आसपास की इमारतों को ही निशाना बनाता था. पटरियों के बीच हुलिया बदल कर वह इमारतों में घुसता था. चोरी करने के लिए वह कभी महिला का रूप धारण करता था तो कभी सुबह की सैर या ऑफिस जानेवालों की तरह तैयार होकर जाता था और वारदात को अंजाम देने के बाद आसानी से लोगों की भीड़ में गुम हो जाता था.
कचरे में फेंका था सोना
पुलिस को पता चला है कि पिछले करीब तीन महीनों में रंजीत चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका था. वह सिर्फ नकदी या गहनों पर ही हाथ साफ करता था. ताकि भागने में परेशानी न हो. उसके घर से एक मशीन भी बरामद हुई है. वह उस मशीन में सोने-चांदी के आभूषणों को पिघलाकर उनका आकार बदल देता था. रंजीत के बारे में एक और दिलचस्प जानकारी ये भी सामने आई है कि वह सोने का अच्छा पारखी नहीं था. इसलिए उसने करीब 100 ग्राम स्वर्ण आभूषणों को नकली समझकर कचरे में फेंक दिया था.