मुंबई. विधान परिषद की 5 सीटों के लिए 27 मार्च को प्रस्तावित चुनाव के लिए उम्मीदवारी अर्ज दाखिल करने की मियाद सोमवार को समाप्त हो गई. नामांकन भरने की आखिरी तारीख यानी 17 मार्च को 5 सीटों के लिए कुल 6 उम्मीदवारों ने आवेदन दाखिल किया. इनमें महायुति के 5 (बीजेपी – 3, शिवसेना शिंदे गुट – 1 और एनसीपी अजीत पवार – 1) तो वहीं पुणे जिले के दौंड इलाके के एक निवासी ने निर्दलीय आवेदन दाखिल किया है. इस चुनाव में मुंबई से एक भी उम्मीदवार मौका नहीं दिए जाने पर हैरानी जताई जा रही है.
विधान परिषद की पांच सीटों के लिए महायुति ने पहले से चर्चा में रहे दिग्गजों को टिकट नहीं देकर सभी को चकित कर दिया. निकट भविष्य में होने वाले मुंबई महानगर पालिका के चुनावों के मद्देनजर संभावना जताई जा रही थी कि बीजेपी और उपमुख्य मंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से किसी मुंबई को उम्मीदवारी दी जा सकती है. शिवसेना में शीतल म्हात्रे का नाम चर्चा में था जबकि पार्टी के एक तेज तर्रार प्रवक्ता सहित कई अन्य लोग भी चर्चा में थे लेकिन उपमुख्यमंत्री शिंदे ने चंद्रकांत रघुवंशी को उम्मीदवार बनाया. इसी तरह उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की एनसीपी में पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी, पूर्व सांसद आनंद परांजपे, पूर्व मुख्य प्रवक्ता उमेश पाटिल में से किसी को उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद थी. लेकिन अजीत ने पार्टी की विधायक सुलभा खोड़के के पति संजय खोड़के को उम्मीदवार बना कर दिग्गजों को झटका दिया. लगभग यही हाल बीजेपी का भी रहा. बीजेपी में विश्वास व्यक्त किया जा रहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव भंडारी को इस बार तो उम्मीदवारी मिल ही जाएगी. लेकिन बीजेपी ने संदीप जोशी, संजय केनेकर, दादाराव केचे को उम्मीदवारी मिल गई. इन पांचों उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है. क्योंकि प्रस्तावक और अनुमोदक नहीं होने की वजह से निर्दलीय नामांकन भरने वाले उमेश म्हात्रे का पर्चा मंगलवार को खारिज हो सकता है.
इसलिए हो रहे हैं चुनाव
विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी से प्रवीण दटके, रमेश कराड व गोपीचंद पडलकर तथा शिवसेना (शिंदे गुट) से आमशा पाडवी व अजीत पवार की राकां से राजेश विटेकर चुनाव जीतने में सफल हुए थे. ये सभी लोग इससे पहले विधान परिषद के सदस्य थे. विधानसभा में इन्हें मिली जीत की वजह से रिक्त हुई विधान परिषद की 5 सीटों पर 27 मार्च को चुनाव होने हैं. मौजूदा विधायकों के संख्या बल के हिसाब से विधान परिषद की उपरोक्त पांच में से 3 सीटों पर बीजेपी के, तो वहीं एक-एक सीट पर शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां (अजीत पवार) उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है. लेकिन मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक आवेदनों की जांच के बाद यह साफ हो पाएगा कि महायुति के उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे या फिर 27 मार्च को मतदान के बाद फैसला होगा?
विधानमंडल में पति-पत्नी की जोड़ी पहली बार
यदि पार्टी के राज्य महासचिव संजय खोड़के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से विधान परिषद के लिए चुने जाते हैं तो यह पहली बार होगा कि पति-पत्नी की जोड़ी महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्य के रूप में एक साथ दिखाई देगी. संजय खोड़के की पत्नी सुलभा खोड़के पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह घड़ी पर अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं. अब यदि संजय खोड़के विधान परिषद के लिए भी चुने जाते हैं तो पति विधान परिषद का और पत्नी विधान सभा का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी.
खोड़के को मिला इनाम
संजय खोड़के को उम्मीदवारी दिए जाने के बारे में कहा जा रहा है कि अजीत ने एक तरफ संजय खोड़के की पत्नी द्वारा अतीत में की गई मदद का हिसाब सूद सहित वापस किया है. तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने संजय के लंबे अनुभव का लाभ उठाने का दांव भी खेला है. लोकसभा चुनाव 2024 में अजीत की राकां का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. उसके बाद जुलाई महीने में हुए विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हुए चुनाव हुए थे. संख्या बल के हिसाब से सत्तारूढ़ महायुति के 8 तथा विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) में शिवसेना यूबीटी से एक तथा कांग्रेस के एक उम्मीदवार की जीत तय थी. जबकि 11 वीं सीट पर रस्साकशी थी. शेकाप के जयंत पाटिल अपने निजी संबंधों एवं मविआ खासकर राकां शरदचंद्र पवार के भरोसे मैदान में उतरे थे. लेकिन मतदान के दौरान कांग्रेस के सात विधायकों पर क्रॉस वोटिंग के आरोप लगे थे. जिनमें सुलभा खोड़के भी शामिल थीं. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सुलभा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. लेकिन अजीत पवार ने उन्हें अपनी पार्टी राकां से अमरावती विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था और वह चुनाव जीत गई थीं. जबकि खुद संजय खोड़के वर्ष 1981 से प्रशासकीय, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का अनुभव ले रहे हैं. वह उप मंत्री राजेंद्र गोडे, पूर्व राज्यमंत्री माणिकराव ठाकरे, शरद तसरे, छगन भुजबल, विजय सिंह मोहिते पाटिल, दिवंगत गृहमंत्री आर. आर पाटिल के साथ लंबे समय तक काम कर चुके हैं.
दर्जनों पीए बन चुके हैं सफल विधायक
संजय खोडके से पहले दिलीप वलसे पाटिल, अमित साटम, सुबोध मोहिते, राम कदम, संजय सावकारे, अभिमन्यू पवार, श्रीकांत भारती, सुमित वानखेडे, मिलिंद नार्वेकर, विनोद शेलार, बालाजी खतगावकर ऐसे करीब दर्जनभर लोग हैं जो विधायक मंत्रियों के पीए रह चुके हैं लेकिन आज खुद विधायक सांसद बनकर जनता के मुद्दे उठा रहे हैं. दिलीप वलसे पाटिल शरद पवार के नीजि सचिव रह चुके हैं तो वहीं अमित साटम-गोपीनाथ मुंडे के, सुबोध मोहिते-महादेव राव शिवणकर, राम कदम-प्रमोद महाजन, संजय सावकारे-संतोष चौधरी, अभिमन्यू पवार-देवेंद्र फडणवीस, श्रीकांत भारती-देवेंद्र फडणवीस, सुमित वानखेडे-देवेंद्र फडणवीस, मिलिंद नार्वेकर- उद्धव ठाकरे, विनोद शेलार- राम नाईक, बालाजी खतगावकर-एकनाथ शिंदे के साथ काम कर चुके हैं. शिंदे के एक और ओएसडी मंगेश चिवटे भी सोलापुर जिले के करमाला विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.