मुंबई उपनगरीय जिला नियोजन समिति की बैठक में 1144 करोड़ की योजनाओं की समीक्षा की गई. पालकमंत्री तथा सूचना, प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में 2024-25 के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन, व्यय के विश्लेषण तथा 2025-26 के लिए नई योजनाओं की योजना पर विस्तृत चर्चा की गई. पिछले वित्त वर्ष में स्वीकृत कार्यों के लिए उपलब्ध 1088.77 करोड़ रुपए में से 99.8 प्रतिशत यानी 1086.75 करोड़ रुपए की निधि विभिन्न एजेंसियों को वितरित की गई. इस अवसर पर 2025-26 के लिए कुल 1144.02 करोड़ रुपए की प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी गई. इसमें सामान्य योजना के लिए 1066 करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए 71 करोड़ रुपए तथा जनजातीय उप-योजना क्षेत्र से बाहर की योजनाओं के लिए 7.02 करोड़ रुपए शामिल हैं.
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को उठाया है और संबंधित विभागों को उन्हें हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसा निर्देश पालकमंत्री एडवोकेट शेलार ने दिया. बैठक में सांसद, विधायक, बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त, पुलिस आयुक्त, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और कार्यान्वयन तंत्र के प्रमुख उपस्थित थे.
नए प्रस्तावों में मुख्य रूप से मलिन बस्तियों में सुधार, पुलिस व्यवस्था को मजबूत करना, महिला एवं बाल कल्याण तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा पहल शामिल हैं।
प्रमुख कार्य –
मलिन बस्तियों में सुधार एवं पुनर्वास: 597.42 करोड़ रुपए की लागत से शहरी गैर-दलित बस्तियों में सुधार, 125 करोड़ रुपए की लागत से सुरक्षा दीवारें, 64.74 करोड़ रुपए की लागत से दलित बस्तियों में सुधार तथा 4.5 करोड़ रुपए की लागत से कौशल विकास कार्यक्रम.
पुलिस एवं कारागार विभाग: बुनियादी ढांचे, वाहनों एवं कंप्यूटर उपकरणों के लिए 14.06 करोड़ रुपए
आपातकालीन एवं राजस्व तंत्र: गतिशील प्रशासन के लिए 4.5 करोड़ रुपए
महिला एवं बाल विकास: बाल गृहों में सीसीटीवी लगाने तथा संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए 14.06 करोड़ रुपए. सौर ऊर्जा पहल: 2 करोड़ रुपए की लागत से सौर पैनलों का निर्माण.