अतिरिक्त नगर आयुक्त (नगर) डॉ. अश्विनी जोशी ने दिए निर्देश

मुंबई. आवासीय / व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा उठानेवाले ठेकेदारों के कचरे के निपटारे में की जानेवाली गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद अब मुंबई महानगर पालिका (मनपा) प्रशासन ने आवासीय/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से सीधे कचरा उठाने का निर्णय लिया है. अतिरिक्त नगर आयुक्त (नगर) डॉ. अश्विनी जोशी ने इस बारे में विज्ञप्ति जारी करके आवासीय / व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कचरा संग्रहण के लिए किसी तीसरे पक्ष या बाहरी एजेंसियों का उपयोग बंद करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि कचरा उठानेवाल ठेकेदारों को अब कोई शुल्क देने की जरूरत नहीं है. मनपा ने बल्क वेस्ट जेनरेटर (बीडब्ल्यूजी) प्रतिष्ठानों की निगरानी और जानकारी एकत्र करने के लिए एक टीम नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है.
बता दें कि बीते दिनों खार से उठाया गया कचरा साकीनाका क्षेत्र में मीठी नदी परिसर में फेंके जाने का खुलासा मनपा की जांच में हुआ था. जिसके बाद मनपा प्रशासन के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग ने आवासीय / व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से उत्पन्न कचरे को सीधे एकत्र करने का निर्णय लिया है. इसलिए, बल्क वेस्ट जेनरेटर (बीडब्ल्यूजी) प्रतिष्ठानों को कचरा संग्रहण के लिए किसी तीसरे पक्ष या बाहरी एजेंसियों का उपयोग तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, अतिरिक्त नगर आयुक्त (नगर) डॉ. (श्रीमती) अश्विनी जोशी ने निर्देश दिया है कि ऐसे प्रतिष्ठानों को कचरा संग्रहण के लिए कोई शुल्क न दिया जाए.
बैठक में लिया निर्णय
बृहन्मुंबई महानगरपालिका की अतिरिक्त नगर आयुक्त (शहर) डॉ. (श्रीमती) अश्विनी जोशी के मार्गदर्शन और उपायुक्त (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) किरण दिघावकर के पर्यवेक्षण में, ‘स्वच्छ एवं सुंदर मुंबई’ बनाए रखने के लिए विभिन्न स्वच्छता परियोजनाएं और गतिविधियाँ क्रियान्वित की जा रही हैं. इसी के अनुरूप, बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वालों (थोक अपशिष्ट उत्पादक) के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है. इसी पृष्ठभूमि में, सोमवार (4 अगस्त, 2025) मुंबई महानगर क्षेत्र में उन आवासीय संस्थानों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई, जो अपना अपशिष्ट प्रबंधन बाहरी संगठनों को आउटसोर्स करते हैं. इस दौरान डॉ. अश्विनी जोशी ने उपरोक्त निर्देश दिए.
ज्यादा कचरा उत्पन्न करनेवालों की निगरानी
बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा ठोस अपशिष्ट से संबंधित नीति की समीक्षा की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है. इसलिए, बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपशिष्ट प्रसंस्करण संस्थानों के पंजीकरण की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है. इस संदर्भ में, मुंबई में बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वाले आवासीय / व्यावसायिक संस्थानों (थोक अपशिष्ट उत्पादक) की निगरानी की जानी चाहिए. इस कार्रवाई के लिए, प्रत्येक प्रशासनिक प्रभाग (वार्ड) स्तर पर सहायक मुख्य पर्यवेक्षक (एएचएस) द्वारा एक टीम गठित की जाए. ये टीमें सात दिनों के भीतर जानकारी एकत्र करें. इसमें मुख्य रूप से कचरा संग्रहण संस्था का नाम, आवासीय/व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा कचरा संग्रहण के लिए संबंधित तृतीय पक्ष या बाह्य संस्था को दिया जाने वाला मासिक शुल्क आदि शामिल होना चाहिए. डॉ. जोशी ने निर्देश दिया है कि इस संबंध में संबंधित संस्था द्वारा हस्ताक्षरित आधिकारिक अनुबंध या दस्तावेज भी प्राप्त किए जाएं.
प्रशासन जारी करेगा नोटिस
इस संदर्भ में, मुंबई में बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वाली आवासीय / व्यावसायिक इमारतों / संस्थाओं को अपने कचरे के परिवहन के लिए किसी तृतीय पक्ष या बाह्य संस्था को कोई शुल्क नहीं देना चाहिए. उक्त कचरे का संग्रहण और उसका उचित प्रसंस्करण बृहन्मुंबई नगर निगम के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा. डॉ. अश्विनी जोशी ने यह भी निर्देश दिया है कि इस संबंध में संबंधित आवासीय संस्था को एक आधिकारिक सूचना भी दी जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के सहायक अभियंता एवं अधिशासी अभियंता आवासीय/व्यावसायिक भवनों / संस्थानों से अपशिष्ट संग्रहण प्रारम्भ करने के लिए आवश्यक तकनीकी एवं परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करें.

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