मुंबई. नोएडा के सनसनीखेज निठारी कांड़ मामले में आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को कोर्ट से गुरुवार को सुप्रीम राहत मिल गई. मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सभी 14 याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
निठारी की एक युवती नौकरी के लिए 7 मई 2006 को पंढेर की कोठी पर गई थी. पंढेर के नौकर कोली ने युवती को नौकरी दिलाने का झांसा देकर कोठी पर बुलाया था. लेकिन युवती बाद में कभी अपने घर वापस नहीं लौटी थी. युवती को एक ऑटो रिक्शा चालक ने पंढेर की कोठी के पास छोड़ा था. युवती के परिजन तस्वीर लेकर उसे कई महीनों तक ढूंढते रहे. इन्हीं प्रयासों के दौरान युवती को पंढेर की कोठी पर छोड़ने वाले ऑटो रिक्शा चालक ने तस्वीर देखकर पहचान लिया और इस तरह से पंढेर की कोठी सुर्खियों में आई थी.
क्षेत्र से गायब थी गई बच्चियां
युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था. 29 दिसंबर 2006 को युवती के परिजन पुलिस के साथ पंढेर की कोठी पर पहुंचे तो निठारी गांव के लोगों की भीड़ वहां जुट गई. क्योंकि इस पहले गांव व आसपास क्षेत्र की दर्जन भर से अधिक बच्चियां रहस्यमई रूप से लापता हो गई थीं. पुलिसिया पूछताछ में पता चला था कि पंढेर और कोली बच्चियों को यौन शोषण के लिए अगवा करते थे और बाद में कत्ल कर देते थे. ये भी कहा गया कि कोली ने कुछ बच्चियों का मांस खाया था. उसने कत्ल के बाद कुछ बच्चियों की लाशों को कोठी परिसर तथा कोठी के पीछे दफना दिया था तो वहीं कुछ लाशों के टुकड़े करके उन टुकड़ों को पॉलीथिन में पैक करके कोठी के पीछे नाले में फेंक दिया था. दावा किया जाता है कि पुलिस को तलाशी के दौरान कोठी परिसर और कोठी के पीछे गुमशुदा बच्चियों के चप्पल कपड़े, इंसानी हड्डियां आदि मिली थीं. पंढेर की कोठी और पीछे खुदाई में इसी तरह नाले से पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल, खोपड़ियां आदि मिली थीं.
सत्र न्यायालय ने माना था दोषी
इस मामले का खुलासा होने के महज 10 दिन बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई की जांच में कई और सबूत मिले, जिनके आधार पर सत्र न्यायालय ने पंढेर को दो तथा कोली को कुल 12 मामलों में दोषी करार दिया था. इनमें से कई मामलों में दोनों को फांसी की सजा दी गई थी. लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2023 में मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया था. बलात्कार और हत्या के दोषी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को सबूतों के अभाव में बरी किया गया था. हाई कोर्ट के फैसले के बाद निठारी कांड का आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर जेल से रिहा हो गया था. जिसके बाद सीबीआई ने 12 और पीड़ितों ने दो याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की थी.
क्या कहा सुको ने?
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस विनोद चंद्रन की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई में सभी अपीलें खारिज करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में कोई खामी नहीं है. कोर्ट ने अभियुक्तों के घर के पास नाले से बरामदगी का भी हवाला दिया. कोर्ट ने कहा कि बरामद की गई वस्तुएं और सामग्री अभियुक्तों की हो सकती हैं, बशर्ते कि बरामदगी की जगह पहुंच केवल अभियुक्तों के लिए ही सुलभ हो.

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