मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में 2,458 मेगावाट की क्षमता वाली 454 सौर ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण किया. इस मौके पर प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से कृषि के लिए दिन में बिजली मिल रही हैं. इससे किसानों की आर्थिक आय दोगुनी हो रही है. लेकिन किसानों को प्राकृतिक खेती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और कम लागत, उच्च उपज देने वाली फसल प्रणालियों का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि के लिए स्वास्थ्य देखभाल समाधान होना समय की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाएं बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन कर रही हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रत्यक्ष उपस्थित थे.
राजस्थान के बांसवाड़ा में बिजली और विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण बांद्रा – पूर्व स्थित प्रकाशगढ़ से किया गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एमएसईडीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र, महानिर्मिति के प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी., राज्य पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2 और पीएम कुसुम सी बी-मैगल तक सौर कृषि पंप योजना के लाभार्थी किसान इस अवसर पर उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों के साथ संवाद साधा. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कई लाभ हैं. इससे किसानों को दिन में खेती के लिए बिजली के साथ-साथ बारहमासी पानी की आपूर्ति भी मिलती है. नतीजतन किसानों की आय बढ़ रही है और अब किसानों को रसायन मुक्त खेती पर ध्यान और शून्य लागत वाली खेती को महत्व दिया जाना चाहिए. शून्य बजट प्राकृतिक खेती एक कृषि विधि है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के उपयोग को कम करके लागत कम की जाती है. इससे खेती में किसान के वित्तीय निवेश की बचत होती है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है. इतना ही नहीं बल्कि इससे पारंपरिक खेती के बजाय मौसम के अनुरूप खेती करना जरूरी हो गया है.
खाद्य तेल का आयात घटाने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत को एक लाख करोड़ लीटर खाद्य तेलों का आयात करना है इस समस्या को हल करने के लिए किसानों को खाद्य तिलहनों की खेती करने की आवश्यकता है. साथ ही, यह देखते हुए कि वर्तमान में बाजरे की भी बहुत मांग है, उस प्रकार की फसलों की खेती करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक आत्मनिर्भरता होगी. प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को राज्य के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक खेती पर दिए गए व्याख्यान को जरूर सुनना चाहिए. कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सौर ऊर्जा परियोजना के विभिन्न लाभार्थी किसानों का परिचय कराया.
लाभार्थियों से सुनी परियोजना की सफलता की गाथा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की सफलता की कहानियों को जानने के लिए किसानों के साथ बातचीत की. इस दौरान नासिक जिले के सताना तालुका के किकवारी के एक किसान सुनील सीताराम काकुल्टे ने पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2 के तहत 40 एकड़ भूमि की सिंचाई की है. इससे हर साल आय में दो लाख रुपए की वृद्धि हुई है. इससे 50 से 60 लोगों को रोजगार मिला है. इसी तरह अकोला जिले के बार्शी टकली तालुका के भेंडी महल के एक किसान तुषार वानखेड़े ने 65 एकड़ में 10 मेगावाट की पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना में एक सौर ऊर्जा परियोजना लागू की. इससे पहले रात में बिजली की कमी के कारण समस्या होती थी. कृषि के लिए पानी की कमी के कारण चना जैसी फसलें उगाई जाती थीं. उन्होंने कहा कि अब वे पपीता और केले की खेती से 35 हजार के बजाय 80 हजार रुपए कमा रहे हैं. तो वहीं जालना जिले के जाफराबाद तालुका के सतेफड़ के सूरत जटाले ने मगेल में सौर कृषि पंप योजना से पांच एचपी पंप स्थापित किए. इससे उनकी कृषि आय में काफी वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि जब से पंप लगाया गया है. उनकी वार्षिक आय 60 हजार रुपए से डेढ़ लाख रुपए हो गई है. उन्होंने कहा कि परिवार के तीन लोग खेत में काम कर रहे हैं और वे अपने लाभ का उपयोग अपने बेटे की शिक्षा और खेत में कमाई के लिए कर रहे हैं. जालना जिले के ही बापकल के एक किसान ताई किशोर सावंत ने कहा कि उन्होंने पीएम कुसुम बी-मांगने वाले को सौर कृषि पंप योजना में दो एकड़ क्षेत्र के लिए तीन एचपी सौर पंप लगाए हैं. इससे सोयाबीन फसल के उत्पादन में वृद्धि हुई उन्होंने कहा कि साथ ही, शेष बिजली का उपयोग घर पर एक इन्वर्टर के माध्यम से किया जाता है.
इन्होंने भी बताया तजुर्बा
पुणे जिले के अंबेगांव तालुका में माई बस्ती पेठ की माधुरी धूमल ने पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2 के तहत 10 एकड़ में 10 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है. इस क्षेत्र के किसानों को दिन में बिजली मिल रही है और किसानों की आय में भारी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से पंद्रह लाख की वार्षिक आय हो रही है.
धुले जिले के शिरपुर तालुका के वाकवाड़ के एक किसान चंदू पावरा ने पीएम कुसुम बी-मैगल की सौर कृषि पंप योजना में 7.5 एचपी की क्षमता वाला एक सौर कृषि पंप स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि इसलिए दिन में बिजली और पानी की उपलब्धता के कारण मक्का, गेहूं, मूंगफली जैसी फसलें बोई जा रही हैं सतारा जिले के गोपाल मुहल्ले को पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2 से लाभ हुआ है. इन सभी परियोजनाओं से ग्राम पंचायत को हर साल पांच लाख रुपए मिल रहे हैं. इन किसानों द्वारा 17 सौ लोगों को बिजली की आपूर्ति करने से बिजली की समस्या हल हो गई है. दिन में बिजली मिलने से क्षेत्र के किसान खुश हैं.
देश में राज्य सबसे आगे
पीएम कुसुम सी-मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2 के तहत छह लाख किसानों को दिन में बिजली मिल रही है. इससे 1 लाख एकड़ भूमि सिंचित क्षेत्र के अंतर्गत आ गई है. इसके अलावा, राज्य में अब तक विभिन्न अन्य योजनाओं के माध्यम से सौर कृषि पंप स्थापित किए गए हैं और राज्य ने देश में पहला स्थान हासिल किया है. इस योजना के परिणामस्वरूप 2095 लाख एकड़ भूमि सिंचाई सुविधा सम्पन्न हो गई है.