मुंबई, मुंबई में खासकर दक्षिण मुंबई में पुरानी होने के कारण जर्जर हो चुकी इमारतें सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई हैं. हर साल खासकर मानसून के दौरान मुंबई में जर्जर इमारतों के ढहने की घटनाएं घटित होती हैं. लेकिन महायति सरकार ने मुंबई की जर्जर इमारतों की समस्या को गंभीरता से लिया है. बजट सत्र के चौथे दिन महायुति सरकार ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में मुंबई की पुरानी और जर्जर इमारतों के पुनर्विकास को गति देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि खतरनाक, पुरानी और जर्जर इमारतों के तेजी से पुनर्विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी और पुनर्विकास में आ रही बाधाओं को दूर कर इस प्रक्रिया को तेज किया जाएगा.
विधानसभा में सदस्यगण अमीन पटेल, पराग आलवणी, अजय चौधरी, योगेश सागर, सुनील राऊत, जयंत पाटिल, नाना पटोले, अतुल भातखलकर और छगन भुजबल ने इस विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा था. इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने यह जानकारी दी. शिंदे ने कहा कि यदि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) या किसी सक्षम प्राधिकरण द्वारा किसी इमारत को खतरनाक घोषित किया जाता है, तो पुनर्विकास का पहला अवसर इमारत के मालिक को दिया जाता है. यदि मालिक छह महीनों के भीतर पुनर्विकास प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करता, तो यह अवसर कब्जेदारों या किराएदारों की सहकारी गृहनिर्माण सोसायटी को दिया जाता है. यदि वे भी छह महीने के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करते, तो मुंबई इमारत मरम्मत एवं पुनर्रचना मंडल (MBRRB) को भूमि अधिग्रहण कर पुनर्विकास करने का अधिकार होता है.
854 इमारत मालिकों को नोटिस
इस प्रक्रिया के तहत, मुंबई इमारत मरम्मत एवं पुनर्रचना मंडल ने 854 इमारत मालिकों को नोटिस जारी किए हैं. इनमें से 67 मालिकों ने पुनर्विकास प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनमें से 30 मालिकों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) दिया गया है.
नई गृहनिर्माण नीति ला रही सरकार
राज्य सरकार एक नई गृहनिर्माण नीति ला रही है, जिसमें आम नागरिकों के लिए किफायती घर उपलब्ध कराए जाएंगे. उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि रुके हुए पुनर्विकास के कारण मुंबई से बाहर गए लोगों को वापस लाने के लिए और मुंबई में रुके हुए गृहनिर्माण परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, ताकि आम नागरिकों को उनके अधिकार का घर मिल सके.